छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर सिविल अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही का मामला सामने आया है। अस्पताल में लाखों रुपए की वैंटिलेटर मशीनें बेकार पड़ी हैं, जबकि गंभीर मरीजों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के बजाय उन्हें मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया जाता है। जानकारी के मुताबिक, वाड्रफनगर सिविल अस्पताल की लाखों रुपए की वेंटिलेटर मशीन कबाड़ में पड़ी है। गंभीर मरीजों को मशीन होते हुए मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया जाता है। कोविड महामारी के दौरान सिविल अस्पताल को राज्य सरकार की ओर से यह महंगी वेंटिलेटर मशीनें उपलब्ध कराई गई थीं। महामारी के समय इन मशीनों ने मरीजों की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। लेकिन अब रखरखाव की कमी और प्रशासनिक लापरवाही के चलते ये मशीनें अस्पताल के किसी कोने में कबाड़ में बदल चुकी हैं। गंभीर मरीज हो रहे हैं परेशान अस्पताल में वेंटिलेटर मशीनें होते हुए भी मरीजों को इनका लाभ नहीं मिल पा रहा है। गंभीर हालत वाले मरीजों को वाड्रफनगर से 120 किलोमीटर दूर मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर रेफर कर दिया जाता है। इससे न केवल मरीजों और उनके परिजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है, बल्कि कई बार समय पर इलाज न मिलने के कारण मरीजों की जान भी खतरे में पड़ जाती है। स्वास्थ्य विभाग की चुप्पी पर सवाल इस पूरे मामले पर स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की चुप्पी सवाल खड़े करती है। जब सरकार द्वारा लाखों की लागत से खरीदी गई मशीनें मरीजों की सेवा के लिए हैं, तो उन्हें सक्रिय स्थिति में क्यों नहीं रखा जा रहा ?