भास्कर न्यूज | जालंधर करप्शन कांड की साजिश में नाभा जेल में बंद आम आदमी पार्टी के विधायक रमन अरोड़ा के फरार चल रहे बेटे राजन अरोड़ा और समधी राजू मदान को अरेस्ट करने के लिए विजिलेंस ने शनिवार को तीन जगह रेड की, लेकिन दोनों वहां आए ही नहीं थे। विजिलेंस 3 साल के दौरान विधायक के बेटे के टच में रही नगर निगम की नौकरशाह लॉबी को जांच के दायरे में लेकर आई है। जांच में यह बात साफ हो चुकी है कि राजन ही अपने उलटे-सीधे काम करवा देता था। नगर निगम में विधायक ने अपने बेटे की मदद के लिए पीए शिवम मदान वासी हरबंस नगर को रखा हुआ था। विजिलेंस ने अब तक 7 बार गहराई से पूछताछ की है। इतना ही नहीं, विजिलेंस विधायक के पीए रोहित कपूर की अच-अचल संपत्ति की जांच कर रही है। जांच से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि विजिलेंस की जांच के दौरान अच-अचल संपत्ति को लेकर अहम सुराग मिले हैं। विधायक के रिश्तेदार और फैमिली फ्रेंड्स जांच के दायरे में पहले से ही है। बता दें कि 14 मई को विजिलेंस ने मामले में पहली गिरफ्तारी एटीपी सुखदेव वशिष्ठ के तौर पर की थी। उसे करप्शन केस में मुख्यारोपी बनाया गया था। विजिलेंस अब तक विधायक रमन अरोड़ा, उसके राजदार आढ़ती महेश मखीजा और नगर निगम की महिला इंस्पेक्टर हरप्रीत कौर को गिरफ्तार कर चुकी है। एटीपी के घर से करीब डेढ़ किलो सोने के गहने और विधायक के घर से 6,30,245 रुपए और 1200 ग्राम सोने के जेवर बरामद कर चुकी है। मखीजा से 36 लाख का कैश मिला था। अब तक विजिलेंस ने केस में 42,30,245 रुपए, एक थार और 2700 ग्राम सोने के जेवर बरामद कर चुकी है। विधायक के बेटे की एंटीसिपेट्री बेल रिजेक्ट हो चुकी है। फिलहाल विधायक रमन अरोड़ा नाभा जेल में हैं। कई दिन विजिलेंस ने उनका रिमांड लिया और फिर कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था।