भास्कर न्यूज | अमृतसर कैबिनेट मंत्री संजीव अरोड़ा ने कारोबारियों से मुलाकात कर विदेशी निवेश के बारे चर्चा की। उन्होंने कहा कि भविष्य की औद्योगिक इकाइयों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए औद्योगिक पार्क, लॉजिस्टिक्स हब और कौशल विकास केंद्र विकसित कर रहे हैं। ब्रिटिश निवेशकों को एक मजबूत और समावेशी अर्थव्यवस्था के निर्माण में हमारे साथ शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। पुराना वैश्वीकरण मॉडल लाभ अधिकतमीकरण पर केंद्रित था। जो अब अधूरा है। आधुनिक समय में देशों के बीच विश्वास राजनीतिक स्थिति और उपभोक्ता-उत्पादकों के हित महत्वपूर्ण हैं। भारत एक ऐसा देश है जिसका व्यापारिक इतिहास बहुत पुराना है। जिसने कपड़ा, मसाले, हस्तशिल्प और धातुओं का निर्यात किया है। दक्षिण एशिया के लिए महामहिम के व्यापार आयुक्त और पश्चिमी भारत के लिए ब्रिटिश उप-उच्चायुक्त, हरजिंदर कंग दक्षिणी एशिया के लिए महाराजा चार्ल्स के व्यापार कमिश्नर और वेस्टर्न इंडिया के लिए ब्रिटिश डिप्टी हाई कमीशन ने कहा कि इंडिया यूके मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) हमारे संबंधों के बीच ऐतिहासिक पल है। यह व्यापारिक रुकावटों को कम करेगा। बाजारों तक पहुंच आसान बनाएगा। एफटीए प्रक्रिया को पूरा करने में चार साल लग गए हैं। डीसी साक्षी साहनी ने शहर की रणनीतिक स्थिति, विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे, तेजी से बढ़ते पर्यटन और लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउसिंग व कृषि-औद्योगिक क्लस्टरों के बारे विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अमृतसर सिर्फ़ एक विरासत का शहर ही नहीं है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए एक उभरता हुआ केंद्र भी है। वरिष्ठ प्रबंध समिति सदस्य संदीप अग्रवाल ने कहा कि पंजाब के विभिन्न क्षेत्रों, कपड़ा, उर्वरक उत्पादन आदि को ब्रिटिश बाज़ार में नए अवसर मिलेंगे। इस मौके पर उप महासचिव डॉ. जतिंदर सिंह आवक निवेश प्रमुख (उत्तर भारत) आशीष कपूर, अमृतसर जोन के सह-संयोजक निपुण अग्रवाल, संजीव सचदेवा, रमेश अरोड़ा व अन्य ने भी अपने विचार रखे।