विद्यार्थियों ने कहा- 9-10 कक्षा में मात्र दो ही विषयों की हो रही पढ़ाई

विजय सिंह| आनंदपुर आनंदपुर प्रखंड की बिंजू पंचायत के मध्य स्कूल को हाई स्कूल में अपग्रेड हुए करीब चार साल हो गए, परंतु आज तक कक्षा 9 और 10 के लिए शिक्षक नहीं मिले। विभाग के इस रवैये से स्कूल के छात्रों का भविष्य अंधकार में है। इधर दोनों कक्षाओं के 105 छात्र-छात्राओं से दैनिक भास्कर के रिपोर्टर ने जब उनसे टीचर की कमी को लेकर बातें की तो उन्होंने अपना दुःख बयां करते हुए कहा कि हमारे विद्यालय में पिछले चार साल से टीचर की कमी है। स्कूल में दो प्राइवेट शिक्षकों को रखा गया है, जो एक गणित और दूसरा विज्ञान की पढ़ाई कराते हैं। हिंदी, सामाजिक विज्ञान, संस्कृत और अंग्रेजी विषयों के लिए स्कूल में कोई शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं। लिहाजा हमलोग मात्र दो ही विषयों की पढ़ाई कर चुपचाप बैठे रहते हैं। इधर छात्रों को यह डर सताए रहता है कि टीचर की कमी अगर जल्द दूर नहीं हुई तो बोर्ड एक्जाम में कैसे करेंगे। क्योंकि विद्यालय आनंदपुर शहरी क्षेत्र से लगभग 20 किमी दूर सुदूरवर्ती इलाका है, यहां कोई अच्छी ट्यूशन की सुविधा भी उपलब्ध नहीं है, जो बच्चे अन्य विषयों की कमी को दूर कर सकें। इसलिए छात्रों ने कहा कि दोनों क्लास में जल्द ही शिक्षक कमी दूर नहीं हुई तो मजबूरन पढ़ाई छोड़नी होगी। स्कूल में 421 बच्चों पर 9 शिक्षक दूसरी ओर स्कूल के रसोई में देखा गया कि मिड-डे मिल लकड़ी पर बनाया जा रहा है। मौके पर रसोइया ललिता देवी से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले तीन साल से लकड़ी के चूल्हे में मिड-डे मिल पकाया जा रहा है, जबकि प्रभारी को कक्षा 1 से कक्षा 5 तक के प्रति बच्चों के लिए 5.45 रुपए और कक्षा 6 से 8 तक के प्रति बच्चों में 8.17 रुपए तथा अलग से प्रति बच्चों के लिए एक अंडा के लिए 6 रुपए के हिसाब से मिड-डे मील की राशि का भुगतान किया जा रहा है। मिड-डे मील प्रभारी नरसिंह महतो ने बताया कि 10 जनवरी से 2023 से एमडीएम का चार्ज मिला है। मार्केट से स्कूल की दूरी लगभग 10 किमी है, जिससे लाने में परेशानी होती है। ^ हाई स्कूल में शिक्षक की कमी सरकारी स्तर का मामला है, लेकिन जल्द ही डीएमएफटी फंड के द्वारा निर्धारित समय पर कक्षा 9, 10, 11 और 12 कक्षा के लिए टीचर की बहाली की संभावना है। अगर शिक्षक की बहाली होती है तो जहां टीचर की कमी है, वैसे विद्यालयों में शिक्षक दिए जाएंगे। टोनी प्रेमराज टोप्पो, शिक्षा अधीक्षक चाईबासा। ^मात्र दो ही विषयों की पढ़ाई होती है। बाकी विषयों के लिए तैयारी करने में काफी परेशानी हो रही है। अगर जल्द ही क्लास में टीचर नहीं मिलता है तो हमलोग पढ़ाई छोड़ देंगे। सवित्री कुमारी, कक्षा-9। ^हमलोगों को यह डर सता रहा है कि आने वाले दिनों में अगर इसी तरह से शिक्षकों की कमी रही तो बोर्ड परीक्षा में कैसे भाग लेंगे। हमलोग सभी बच्चे सुदूर गांव से आते है। हमारे यहां ट्यूशन की भी कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है। मनीषा, छात्रा, कक्षा- 10। ^कक्षा 9 और 10 में शिक्षक की घोर कमी है। दोनों कक्षाओं में दो प्राइवेट शिक्षकों रखा गया है। जिसमें एक गणित और दूसरा विज्ञान पढ़ाते हैं। बाकी विषयों की पढ़ाई बाधित हो रही है। जबकि विभाग को लिखित सूचना कई बार दी गई है। पाकशाला जर्जर है, जिसके कारण झोपड़ी में गैस सिलेंडर रखने में दिक्कत होती है, इसलिए लकड़ी के चूल्हे पर मिड-डे मील बनाया जा रहा है। चक्रवर्ती साय, एचएम, उच्च विद्यालय बिंजू। प्रखंड के एक और अपग्रेड रोबोकेरा बुनियादी उच्च विद्यालय का भी यही हाल है। स्कूल में 173 बच्चों पर मात्र एक ही विषय इतिहास के लिए सरकारी शिक्षक कुदाराम हांसदा पदस्थापित हैं। वहीं एक और सलन जोजो नामक सरकारी शिक्षक हैं, जो विद्यालय के एचएम हैं। मगर उनका सब्जेक्ट फिजिकल एजुकेशन है। जबकि पारा शिक्षकों की संख्या 3 है। मालूम हो कि विद्यालय में कक्षा 1 से 5 तक में 64, कक्षा 6 से 8 में 63 व कक्षा 9 और 10 में कुल 46 छात्र-छात्राओं की संख्या है। ऐसे में मात्र एक ही विषय के शिक्षक होने से छात्रों की पढ़ाई पर काफी असर पड़ रहा है।

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