विधानसभा:डिप्टी सीएम ने कहा: विशेष परिस्थिति में चुनाव नहीं हो पाए तो उसके लिए किया गया प्रावधान

राज्य सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में नगर पालिका, नगर पंचायत और नगर निगमों में निर्वाचन संबंधी संशोधन विधेयक पेश किया। इसके तहत महापौर व अध्यक्ष का चुनाव सीधे कराने के साथ ही चुनाव की प्रक्रिया 6 माह के अंदर शुरू करने का प्रावधान है। यदि किसी नगरपालिका, नगर पंचायत में अध्यक्ष या वार्ड पार्षद के लिए तय समय में चुनाव नहीं होता है तो वहां 6 माह के भीतर चुनाव की प्रक्रिया शुरू करना होगा। इसी तरह की प्रक्रिया नगर निगमों में महापौर या वार्ड पार्षद के लिए भी किया जाना प्रस्तावित है। फिलहाल नगरीय निकाय के चुनावों में नगरपालिका/ नगर पंचायत अध्यक्ष और नगर निगम के महापौर का चुनाव, निर्वाचित पार्षदों द्वारा किए जाने की व्यवस्था है। इसके अलावा ओबीसी वर्ग के जनप्रतिनिधियों को उनकी जनसंख्या के आधार पर कुल आरक्षण के 50% सीमा में आरक्षण देने के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार आरक्षण देने का निर्णय लिया गया है।
5 साल पूरा होने से पहले चुनाव जरूरी: भूपेश
पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि संविधान के 73वें, 74वें संशोधन में स्पष्ट लिखा हुआ है कि किसी भी नगरीय निकाय की प्रथम बैठक के पांच साल होने से पहले चुनाव कराना अनिवार्य है। यदि किसी कारण से काेई नगर पालिका या नगर निगम भंग हो जाता है तो छह माह के भीतर चुनाव कराना अनिवार्य है। लेकिन आप जो संशोधन ला रहे हैं उसमें कार्यकाल को पांच साल पूरा होने के बाद छह माह बढ़ाने की बात कही गई है। यह संविधान के विपरीत है। पंजाब और मध्यप्रदेश सरकार ने भी ऐसे किया था लेकिन उन्हें कोर्ट की फटकार झेलनी पड़ी थी। जेजेएम में राज्य स्तरीय समिति की अनुशंसा पर होगी कार्रवाई: साव
उपमुख्यमंत्री अरूण साव ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत पिछले दो साल में इसके अंतर्गत ठेकेदारों, संस्थाओं के विरुद्द नोटिस जारी किया गया है। इस पूरे मामले को राज्य स्तरीय समिति के पास भेजा गया है। समिति की अनुशंसा के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। प्रश्नकाल में भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक पूछा ​था कि दो साल में योजना के अंतर्गत किन ठेकेदारों-संस्थाओं के विरुद्ध किस आधार पर नोटिस जारी किए गए थे। फर्जी दस्तावेज से काम करने वाले ठेकेदारों को सिर्फ नोटिस जारी किया गया है। गांवों में बिना टेंडर पुलिया निर्माण पर हंगामा, विपक्ष का वॉक आउट
विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सुकमा-दंतेवाड़ा के गांवों में पुलिया निर्माण पर सदन में जमकर हंगामा हुआ। विपक्षी विधायकों ने आरोप लगाया कि बिना टेंडर के काम करा लिए गए। इस काम में भारी अनियमितता की गई है। इस मामले में दोषी इंजीनियर तथा चीफ इंजीनियर को निलंबित किया जाए। लखमा ने कहा कि 40 फीसदी एबव में ठेकेदार को काम दिया गया है। प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक कवासी लखमा ने पूछा कि परिया, नागलगुंडा एवं मुलेर में पुलिया निर्माणाधीन है या बन गई है। आयुष्मान योजना का 838 करोड़ बकाया, भुगतान जल्द: जायसवाल स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बताया कि आयुष्मान योजना के तहत निजी और सरकारी अस्पतालों का 838 करोड़ रुपए का भुगतान बकाया है। वित्त विभाग ने हाल ही में तीन सौ करोड़ रुपए और जारी किए हैं इससे भुगतान में और तेजी आएगी। जायसवाल ने ध्यानाकर्षण का जवाब देते हुए यह बातें कहीं। दरअसल भाजपा विधायक विक्रम मंडावी ने प्रदेश के निजी अस्पतालों में आयुष्मान योजना की राशि जमा नहीं किए जाने की ओर स्वास्थ्य मंत्री का ध्यान आ​कर्षित कराया था। जायसवाल ने बताया कि दिसंबर 2024 तक 1096 करोड़ का भुगतान निजी और 560 करोड़ का भुगतान सरकारी अस्पतालों को किया गया है। टीपीए के जरिए क्लेम का भुगतान किया जाता है। भ्रष्टाचार रोकने के लिए 75 अस्पतालों की जांच की और 11 पर 1.51 करोड़ का फाइन लगाया है। मंडावी ने फिर कहा कि भुगतान लंबित होने के कारण इलाज नहीं हो रहा है। इस पर जायसवाल ने कहा कि टोल फ्री नंबर पर शिकायत करें। पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि 1400 करोड़ का भुगतान रुका है। कब तक भुगतान होगा बताएं। बघेल ने कहा- मलेरिया और डायरिया से मौत हो रही है। तब स्वास्थ्य मंत्री ने कहा आपके समय और अभी की स्थिति पर कभी भी डिबेट करा लीजिए।

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