किडनी कांड में सरकार ने सिर्फ स्टेट ऑथराइजेशन कमेटी के तत्कालीन कोऑर्डिनेटर डॉ. राजेंद्र बागड़ी और सहायक प्रशासनिक अधिकारी (एएओ) गौरव सिंह को ही दोषी माना है। दोनों के खिलाफ भी अभी तक कार्रवाई नहीं हुई है। यह खुलासा चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह आक्या की ओर से विधानसभा में पूछे प्रश्न के जवाब से हुआ है। डॉ. बागड़ी के खिलाफ 16 सीसीए की कार्रवाई चल रही है, कार्मिक विभाग ने ज्ञापन जारी किया है। हालांकि उनका निलंबन बहाल हो चुका है और अभी आरयूएचएस में सीनियर प्रोफेसर के पद पर डेपुटेशन पर हैं। वहीं, सचिवालय सेवा के गौरव सिंह को 16 सीसीए में चार्जशीट दी गई है। यानी जांच समिति ने डॉ. सुधीर भंडारी, राजीव बगरहट्टा व अचल शर्मा को क्लीन चिट दे दी है। जबकि, किडनी कांड पर भास्कर के लगातार खुलासों के बाद चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने इन्हें लिप्त माना था। उस समय डॉ. भंडारी आरयूएचएस के वीसी, डॉ. बगरहट्टा एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और डॉ. अचल शर्मा एसएमएस हॉस्पिटल के सुपरिटेंडेंट थे। तीनों से सरकार ने इस्तीफा मांगा था और पद से हटा दिया था। भास्कर के खुलासों के बाद मंत्री खींवसर ने तब जिन पर गंभीर आरोप लगाए थे, वे अब बरी चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने 15 मई, 2024 को प्रेस-कॉन्फ्रेंस में इन तीनों सीनियर डॉक्टरों को प्राथमिक जांच के आधार पर दोषी माना था।