भास्कर न्यूज| बगोदर बगोदर में केसर-ए-हिंद की भूमि पर बनी और आवंटित दुकानों के किराया निर्धारण में जिला परिषद गिरिडीह की मनमानी का मामला विधानसभा में उठा। विधायक नागेंद्र महतो ने इसे सदन में रखते हुए निवेदन समिति से कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने झारखंड विधानसभा के मुख्य सचिव को पत्र सौंपा। पत्र में बगोदर बस पड़ाव से जुड़े इस मामले का जिक्र किया गया। विधायक ने बताया कि वर्ष 2007-08 में एनएचआई ने जीटी रोड फोरलेन के अतिक्रमणकारी दुकानदारों के पुनर्वास के लिए केसर-ए-हिंद की भूमि पर 300 से अधिक दुकानें बनवाई थीं। इनकी देखरेख की जिम्मेदारी गिरिडीह जिला परिषद के पास है। इन दुकानों का किराया 250 प्रति माह तय किया गया। वहीं, सरिया रोड बगोदर के 80 दुकानदारों को बगोदर बस पड़ाव में पुनर्वासित किया गया। इन दुकानों का किराया 1440, 1200 और 960 तय किया गया, जिसकी वसूली की जा रही है। यह जिला परिषद की मनमानी को दर्शाता है। जिस पर रोक लगे।