प्रतापपुर विधायक शकुंतला पोर्ते के जाति प्रमाणपत्र विवाद को लेकर आज गुरुवार को सुनवाई होगी। सुनवाई के दौरान हंगामे की आशंका को देखते हुए बलरामपुर कलेक्टर ने कलेक्टोरेट परिसर एवं आसपास के इलाकों में धारा 144 लगा दी है। इसके पहले 27 नंवबर को सुनवाई के दौरान सर्व आदिवासी समाज ने जमकर प्रदर्शन किया था और नेशनल हाईवे पर चक्काजाम भी कर दिया था। हाईकोर्ट बिलासपुर ने विधायक के जाति प्रमाण पत्र को लेकर दायर याचिका की सुनवाई करते हुए प्रमाण पत्र का सत्यापन करने का आदेश बलरामपुर जिला स्तरीय छानबीन समिति को दिया है। बलरामपुर जिला स्तरीय छानबीन समिति के चौथे नोटिस पर 27 नवंबर को विधायक के वकील ने दस्तावेज जमा किया। सर्व आदिवासी समाज ने मामले में जान-बूझकर देरी का आरोप लगाते हुए हंगामा किया था। समिति ने सुनवाई की अगली तारीख 11 दिसंबर तय की थी। कलेक्टर ने लगाई धारा 144, फोर्स रहेगी तैनात
जिला स्तरीय जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति द्वारा आज सुनवाई के लिए 11 बजे से बैठक आयोजित की है। 27 नवंबर को हुए हंगामें को देखते हुए कलेक्टर राजेंद्र कटारा ने कलेक्टोरेट एवं 500 मीटर के दायरे में धारा 144 लागू कर दी है। इस दौरान कलेक्टोरेट एवं आसपास के क्षेत्र में किसी भी प्रकार का प्रदर्शन, धरना, जुलूस, हड़ताल प्रतिबंधित रहेगा और एक साथ 4 लोगों से अधिक व्यक्ति एकत्र नहीं होंगे। सर्व आदिवासी समाज द्वारा आज भी प्रदर्शन की तैयारी की गई है। इसे देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल कलेक्टोरेट के पास तैनात किए जाएंगे। जिला दंडाधिकारी ने कहा है कि आदेश का उलंघन करने पर धारा 188 के तहत कार्रवाई होगी। यह है मामला
प्रतापपुर विधायक शकुंतला पोर्ते ने चुनाव के दौरान अनुसूचित जनजाति वर्ग में अधिसूचित गोंड़ जनजाति का प्रमाणपत्र जमा किया था। उनके जाति प्रमाण पत्र को फर्जी बताते हुए वाड्रफनगर इलाके के धन सिंह धुर्वे और एक अन्य आवेदक ने हाईकोर्ट बिलासपुर में याचिका लगाई है। याचिका में दावा किया गया है कि विधायक मूलतः उत्तरप्रदेश के मऊ की निवासी हैं। मऊ में गोंड़ जाति अजा वर्ग में अधिसूचित है। याचिका के अनुसार शकुंतला पोर्ते का विवाह वाड्रफनगर क्षेत्र के बहादुर के साथ हुआ था। वर्ष 2002-03 में शकुंतला पोर्ते का जाति प्रमाणपत्र वाड्रफनगर एसडीएम ने जारी किया है। जाति प्रमाणपत्र पति की जाति के आधार पर जारी किया गया है जो अवैध है। मामले में विधायक शकुंतला पोर्ते ने अपने बयान में कहा है कि उनका जन्म अंबिकापुर में एवं शिक्षा बलरामपुर में हुई है। उन्हें छत्तीसगढ़ के निवासी के रूप में जाति प्रमाणपत्र जारी किया गया है। कुछ लोग जानबूझकर बदनाम करने के लिए आरोप लगा रहे हैं।


