सैलाना विधायक कमलेश डोडियार को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। विधायक आदिवासी समाज के साथ रतलाम-सैलाना रोड पर बंजली हवाई पट्टी पर आंदोलन करने वाले थे। आंदोलन रतलाम जिला अस्पताल में विधायक डोडियार और डॉ. सीपीएस राठौर के बीच विवाद को लेकर बुलाया गया था। हालांकि, जिला प्रशासन ने इसके लिए अनुमति नहीं दी थी। डॉ. राठौर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर बुधवार को आदिवासी समाज ने विधायक के समर्थन में एकत्रित होने की बात कही थी। 4 राज्यों के आदिवासी समाजजनों से रतलाम आने का आह्वान किया गया था। इससे पहले ही सुबह करीब 11 बजे विधायक डोडियार समेत 20 प्रदर्शनकारियों को पुलिस अपने साथ ले गई। फिलहाल, पुलिस-प्रशासन ने शहर के अंदर आने वाले रास्तों पर बैरिकेडिंग कर रखी है। विधायक के समर्थन में आदिवासी समाज के लोग बंजली हवाई पट्टी पर इकट्ठा हो रहे हैं। सिवनी से आए गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के सदस्य राधेश्याम ककोड़ियां ने कहा, ‘यह देश हमारा है। हम इसके मालिक है। शासन प्रशासन नौकर है। विधायक को रिहा नहीं किया तो हम प्रदेशभर में सड़कों पर उतरेंगे।’ जिला अस्पताल में डॉक्टर से हुआ था विवाद
दरअसल, भारत आदिवासी पार्टी के विधायक कमलेश्वर डोडियार और जिला अस्पताल के डॉ. सीपीएस राठौर के बीच 5 दिसंबर को विवाद हो गया था। इसका वीडियो भी सामने आया था। डॉक्टर ने विधायक को अपशब्द कहे तो विधायक की भी डॉक्टर से तू-तू, मैं-मैं हो गई थी। इसके अगले दिन विधायक की रिपोर्ट पर डॉक्टर के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज कर लिया। जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने भी विधायक के बर्ताव को लेकर थाने में शिकायत की थी। पुलिस की सख्ती के चलते भीड़ नहीं जुट पाई
मंगलवार को नेहरू स्टेडियम में प्रदर्शन और सभा की तैयारी की जा रही थी। विधायक ने कहा था, संविधान में सबको अपनी बात रखने का अधिकार है। हम शांति पूर्ण प्रदर्शन करेंगे। बुधवार सुबह 11 बजे अंबेडकर सर्कल पर डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे। यहां से रैली के रूप में नेहरू स्टेडियम पहुंचेंगे। रात में प्रशासन की सख्ती के बाद स्थान बदल दिया गया। शहर से 5 किमी दूर रतलाम-सैलाना रोड पर स्थित बंजली हवाई पट्टी पर स्थान तय किया गया। आज सुबह पुलिस बल और जिला प्रशासन की सख्ती के चलते समाज जन एकत्र नहीं हो पाए। करीब 50 लोग पहुंचे, जिनके साथ विधायक कमलेश्वर बैठे। विधायक का कलेक्टर को पत्र, लिखा- हो सकती है अप्रिय घटना
विधायक ने कलेक्टर को पत्र लिखकर प्रदर्शनस्थल पर सुरक्षा व्यवस्था, पेयजल, चलित शौचालय, पुलिस मुख्यालय भोपाल से विशेष रूप से लगभग 500 बॉडी कैमरे और ड्रोन कैमरे से सभा स्थल पर रिकॉर्डिंग की मांग की थी। विशेष सुरक्षा बल कंपनी तैनात करने को भी कहा था। विधायक ने पत्र में लिखा- मैं भारत आदिवासी पार्टी का एक मात्र निर्वाचित पार्टी का विधायक हूं। कुछ असामाजिक तत्व सत्ताधारी पार्टी के इशारे पर एवं विरोधी पक्ष के लोग शांतिपूर्वक महा आंदोलन में व्यवधान उत्पन्न कर सकते हैं। सुरक्षा के लिए पर्याप्त बैरिकेडिंग व उक्त सारी व्यवस्था की जाए। विधायक के इसी पत्र के आधार पर जिला प्रशासन ने आंदोलन कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी। विधायक का कहना है कि मैंने अनुमति मांगी ही नहीं। मैंने तो व्यवस्थाओं को लेकर लेटर लिखा है। आंदोलन सख्ती से होगा। समर्थकों ने देर रात तक की तैयारी
आंदोलन को लेकर विधायक के समर्थक व आदिवासी समाज के पदाधिकारी तैयारियों में जुट गए। नेहरू स्टेडियम में झंडे लगाए गए। बताया गया कि आंदोलन में अन्य राज्यों के भारत आदिवासी पार्टी के सांसद और विधायक भी शामिल होंगे। विधायक ने भी वीडियो जारी कर कहा कि किसी को गुमराह होने की जरूरत नहीं है, आंदोलन होगा। आंदोलन को देखते हुए पुलिस प्रशासन भी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर तैयारी में जुट गया। आयोजन स्थल के बाहर बैरिकेड्स और स्टॉपर लगाए गए। एसपी अमित कुमार ने पुलिस अधिकारियों की बैठक भी ली थी। दो दिन पहले कलेक्टर से कहा था- तेरे बाप का राज है क्या… सैलाना विधायक कमलेश्वर डोडियार का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वे कलेक्टर को लेकर कह रहे हैं कि ‘तेरे बाप का राज है क्या? कुछ भी ऑर्डर निकाल देगा। जिला तेरे इशारे पर नहीं, कानून के हिसाब से चलेगा।’ विधायक डोडियार ने कलेक्टर राजेश बाथम के जाति प्रमाण पत्र पर भी सवाल उठाए। कहा कि ‘हमें ये जानकारी मिली है कि उनका एससी का, शेड्यूल कास्ट का सर्टिफिकेट फर्जी में लगा रखा है।’ पूरी खबर पढ़िए…