भास्कर न्यूज | हजारीबाग विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग के एसोसिएशन ऑफ प्रोफेशनल एंड टेक्निकल टीचर्स की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक कई मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। अगस्त 2024 में विश्वविद्यालय के उस निर्णय पर चर्चा हुई। जिसमें नॉन टीचिंग स्टाफ के सैलरी में बढ़ोतरी के गई। उक्त निर्णय को संगठन ने पक्षपातपूर्ण निर्णय बताते हुए यह गहरी चिंता व्यक्त की गई। दरअसल विश्वविद्यालय के सेल्फ फाइनेंस विभागों में नॉन टीचिंग स्टाफ के साथ टीचर्स भी कार्यरत हैं। शिक्षकों को जानबूझकर इस प्रक्रिया से वंचित रखा गया। यह स्थिति केवल एक बार नहीं, बल्कि दो बार दोहराई गई। तत्कालीन कुलपति सुमन कैथरीन किस्पोट्टा के संज्ञान में जब यह मामला आया, तो उन्होंने इस पर असंतोष जताते हुए शिक्षकों के वेतन पुनरीक्षण हेतु एक समिति का गठन किया। समिति के कुछ सदस्यों की ढिलाई पूर्ण प्रवृत्ति के कारण रिपोर्ट समय पर प्रस्तुत नहीं की जा सकी। जब समिति की रिपोर्ट अंततः प्रस्तुत हुई, उस दौरान कुलपति डॉ. दिनेश कुमार सिंह थे। रिपोर्ट पर निर्णय लेने की बजाय, पूर्व समिति के एक सदस्य ने नई समिति बनाने का सुझाव दे दिया, जिससे विषय को और लंबा खींचा जा सके। इस नई समिति को अधिसूचित होने में भी कई महीने लग गए। नव नियुक्त कुलपति ने समिति को शीघ्र कार्यवाही के निर्देश देते हुए 10 दिनों में रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा। अब एक महीना बीत जाने के बाद भी समिति रिपोर्ट देने में विफल रही है। जबकि समिति को पूर्व रिपोर्ट के आधार पर केवल फंड की उपलब्धता देखते हुए संस्तुति करनी थी। सभी सदस्यों ने सामूहिक रूप से निर्णय लिया कि वे आगामी मंगलवार को समिति के कन्वीनर से मिलकर रिपोर्ट शीघ्र जमा करने का आग्रह करेंगे।