विश्व एड्स दिवस पर श्रमिकों को जागरूक किया:विशेषज्ञ बोले-समय पर पहचान और उपचार से एचआईवी संक्रमण से बचना संभव

बूंदी में विश्व एड्स दिवस के अवसर पर श्रमिकों को एचआईवी/एड्स के प्रति जागरूक करने के लिए सोमवार को विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन राजस्थान नगरीय आधारभूत विकास परियोजना (आरयूआईडीपी) के सामुदायिक जागरूकता एवं जनसहभागिता कार्यक्रम के तहत रामगंज बालाजी स्थित एसटीपी साइट पर आयोजित किया गया। कार्यक्रम में कैप आरयूआईडीपी के सचिन मुदगल ने श्रमिकों को संबोधित करते हुए बताया कि हर वर्ष 1 दिसंबर को मनाया जाने वाला विश्व एड्स दिवस हमें याद दिलाता है कि एचआईवी अभी भी एक वैश्विक चुनौती है। वर्ष 2025 के लिए इस दिवस की थीम ‘विघटन पर विजय, एड्स प्रतिक्रिया में परिवर्तन’ निर्धारित की गई है। उन्होंने कहा कि एचआईवी की प्रारंभिक पहचान और समय पर उपचार बेहद महत्वपूर्ण हैं। जितनी जल्दी जांच और इलाज शुरू किया जाता है, परिणाम उतने ही बेहतर होते हैं। उन्होंने बताया कि एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी (एआरटी) लोगों को स्वस्थ रखने में मदद करती है और संक्रमण फैलने की संभावना को लगभग शून्य कर देती है। मुदगल ने कहा कि कई लोग हल्के चेतावनी संकेतों को नजरअंदाज कर देते हैं, इसलिए जागरूकता और नियमित जांच अत्यंत आवश्यक है। विश्व एड्स दिवस निवारक उपायों को अपनाने, भ्रांतियों को दूर करने और एचआईवी/एड्स से प्रभावित लोगों के प्रति संवेदनशीलता और समर्थन बढ़ाने का अवसर है। उन्होंने कहा कि समाज को कलंक और भेदभाव खत्म करने, स्वास्थ्य सेवाओं की समान उपलब्धता सुनिश्चित करने और एक स्वस्थ एवं समावेशी भविष्य बनाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।

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