भास्कर न्यूज|गुमला जिला प्रशासन द्वारा विश्व स्तनपान सप्ताह (1 से 7 अगस्त) के अवसर पर पूर्व निर्धारित कैलेंडर के आलोक में आज जिले के सभी 1,689 आंगनवाड़ी केंद्रों में एक साथ स्तनपान जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य माताओं एवं गर्भवती महिलाओं तक स्तनपान के महत्व, उसके लाभ और भ्रांतियों के विरुद्ध जागरूकता फैलाना रहा। जिला बाल विकास परियोजना विभाग एवं आंगनवाड़ी सेविकाओं की सक्रिय भागीदारी के साथ सभी केंद्रों पर करीब 14,000 से अधिक माताओं और गर्भवती महिलाओं ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया। विशेषज्ञों एवं सेविकाओं ने बताया कि नवजात शिशु के लिए जन्म के एक घंटे के भीतर मां का पहला दूध (कोलोस्ट्रम) देना अनिवार्य है, जिससे शिशु को संपूर्ण पोषण एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता मिलती है। शिशु के लिए छह माह तक केवल मां का दूध ही सर्वोत्तम आहार है। इससे कुपोषण, डायरिया, निमोनिया जैसी बीमारियां कम होती हैं और शारीरिक व मानसिक विकास सही ढंग से होता है। कार्यक्रम में स्तनपान को लेकर प्रचलित गलतफहमियों को दूर किया गया और माताओं को बताया गया कि स्तनपान मां व शिशु दोनों के लिए फायदेमंद है। यह न सिर्फ शिशु को कुपोषण से बचाता है, बल्कि माँ को भी प्रसव उपरांत स्वास्थ्य लाभ, रक्तस्राव में कमी और स्तन कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की संभावना को कम करता है।