व्यापारी पिता-पुत्र पर क्राइम ब्रांच ने की FIR:इंवेस्टमेंट के नाम पर लिए थे 1 करोड़; इधर पीड़िता के खिलाफ भी कोर्ट में याचिका

इंदौर क्राइम ब्रांच ने एक विवादित मामले में एफआईआर दर्ज की हैं। महिला ने एक पिता-पुत्र पर करोड़ों रूपए की धोखाधड़ी करने के आरोप लगाए हैं। जबकि महिला को लेकर आरोपी पक्ष की ओर से भी इस मामले में पूर्व कमिश्नर और क्राइम ब्रांच के डीसीपी को शिकायत की जा चुकी हैं। पिता-पुत्र ने महिला पर सूदखोरी का आरोप लगाकर हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, वही जिला कोर्ट में परिवाद दायर किया था, जो लंबित है।
क्राइम ब्रांच ने किरण पति विजय पंवार की शिकायत पर सुनील पुरोहित और उसके बेटे उदित पुरोहित पर धोखाधड़ी के मामले में केस दर्ज किया हैं। पीड़िता के मुताबिक वह आरोपियों को करीब 8 साल से पहचानती है। आरोपियों ने अपनी कंपनी मां चामुंडा इंटर प्राइजेज में इंवेस्टमेंट करने के नाम पर किरण पंवार से रूपए लिए थे। पीड़िता ने बताया कि इस बात की शुरुआत अक्टूबर 2021 से हुई थी। जिसमें अलग-अलग तारीख में 1 करोड़ से अधिक की राशि दी गई।
पिता-पुत्र पर केस दर्ज
इस मामले में सुनील पुराेहित ने पूर्व कमिश्नर राकेश गुप्ता को शिकायत कर बताया था कि किरण उनसे कंपनी में प्रॉफिट नही लेने के नाम पर ब्याज लेती थी। जिसके एवज में वह कई गुना ज्यादा रूपए मांग रही हैं। कुछ रिकार्डिंग और वाट्सएप की चैट भी पेन ड्राइव में कमिश्नर को दी गई थी। जिसमें जांच कर रहे क्राइम ब्रांच के एएसआई ओमप्रकाश तिवारी ने उक्त जांच से हाथ पीछे कर लिए। बाद में यह जांच टीआई अनिल गुप्ता के पास पहुंची, उनके ट्रांसफर के बाद एसआई सुषमा पटाेलिया ने जांच शुरू की। इसके बाद पिता-पुत्र पर केस दर्ज कर लिया गया।
क्राइम ब्रांच के डीसीपी राजेश त्रिपाठी के मुताबिक अगर आरोपी पक्ष के सुनील और उदित ने शिकायत की है तो वह जांच में सामने आ जाएगी, वह बयान देने नहीं आए। उन्होंने डाक से पेपर भेजे थे, खुद ना आकर पेपर भेजना सही नहीं थे। आरोपी पक्ष बचाव में कुछ भी कह सकता हैं।
इधर सुनील पुरोहित और उदित पुरोहित के वकील कृष्ण कुमार कुन्हारे ने बताया कि पीड़ित व्यापारी की याचिका पर से महिला को हाई कोर्ट खंड पीठ इंदौर ने नोटिस भी जारी किए है, साथ ही उक्त महिला और उसके रिश्तेदार के विरुद्ध धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में जिला कोर्ट इंदौर में फ़ौजदारी परिवाद भी विचाराधीन होकर सिविल मामले को क्रिमिनल बनाकर परेशान करने को लेकर पीड़ित ने पूर्व में ही पुलिस कमिश्नर को एक पेन ड्राइव और सबूत के साथ लिखित शिकायत दी थी। बगैर लाइसेंस के ब्याज पर पैसा उधार देना भी अपराध की श्रेणी में आता है, जो साहूकारी अधिनियम के भी विपरीत है। उक्त कार्रवाई में क्राइम ब्रांच ने कहानी बनाई है, इसमें एसआई सुषमा पटोलिया को लेकर भी लोकायुक्त में शिकायत की गई हैं।

FacebookMastodonEmail

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *