हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर से दिल्ली के लिए रवाना हुए किसानों के जत्थे को पुलिस ने उन्हें घग्गर नदी पर बने पुल पर की बैरिकेडिंग पर रोक लिया। 40 मिनट तक पुलिस से बहस के बाद किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की। इसके बाद पुलिस ने आंसू गैस और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। जिसमें 10 किसान घायल हुए। इस बीच शंभू बॉर्डर पर खन्ना के गांव रतनहेड़ी के किसान ने रणजोध सिंह ने सल्फास निगलकर सुसाइड की कोशिश की। गंभीर हालत के चलते उन्हें पटियाला के राजेंद्र अस्पताल रेफर कर दिया है। खन्ना में जब परिवार से संपर्क किया गया तो रणजोध सिंह की मां तेज कौर, बेटे सुखदीप सिंह और गांव रतनहेड़ी के सरपंच से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि उन्हें अभी रणजोध के बारे में पता चला है। रणजोध के परिवार में बुजुर्ग माता पिता, पत्नी और बेटा है। बेटी की शादी हो चुकी है। 8 दिसंबर को शंभु बॉर्डर पर गया रणजोध किसान की मां तेज कौर ने बताया कि रणजोध सिंह 8 दिसंबर को शंभू बार्डर पर गए थे। उनके पास अब कोई जमीन तो नहीं है, वह प्रापर्टी डीलर का काम करते हैं। काफी समय पहले परिवार के पास कुछ जमीन थी, जो बिक गई। अब परिवार कर्ज में डूबा है। रणजोध सिंह काफी समय से किसान आंदोलन से जुड़ा है। पहले हुए किसान आंदोलन में भी वह गया था, अब लगे धरने में वह 8 दिसंबर को तीसरी बार गया था। परिवार से बोला, अब जीत कर ही आएंगे परिवार ने बताया कि रणजोध सिंह जाने से पहले गांव में मिलकर गया था, वह कहता था कि उसने किसान नेता स्वर्ण सिंह पंधेर के पास अपना नाम लिखवा दिया है। वह मांगों को मनवाने के लिए दिल्ली जा रहे हैं, जहां से मांगों को मनवाकर ही लौटेंगे। परिवार ने बताया कि उनके पास जानकारी है कि रणजोध सिंह घायल हुए हैं, परिवार के लोग पटियाला जा रहे हैं , जिसके बाद ही कुछ बता पाएंगे। उन्होंने सरकारों से किसानों की मांगों को मानने और कर्ज माफी की अपील की है।