शराब घोटाला:पूर्व मंत्री लखमा भेजे गए जेल, बेटे के सामने बिठाकर ईडी ने की पूछताछ

शराब घोटाले में रिमांड खत्म होने पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार दोपहर पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को कोर्ट में पेश किया। ईडी ने पूछताछ पूरी होने पर 14 दिनों की न्यायिक रिमांड मांगी। इसका बचाव पक्ष ने विरोध किया। उनकी दलील थी कि ईडी ने लखमा को सिर्फ बिठाकर रखा गया था। उनसे किसी तरह की पूछताछ नहीं की गई है, क्योंकि उनके पास कुछ नहीं है। हालांकि दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने 4 फरवरी तक लखमा को रायपुर जेल भेज दिया गया है। लखमा को आम कैदियों से अलग वीआईपी सेल में रखा गया है। कोर्ट में पेशी के दौरान लखमा ने मीडिया से कहा है कि मुझे कब तक जेल में रखेंगें? 2, 5 या 10 साल। मैं नहीं जानता, लेकिन मैं जनता की लड़ाई लड़ता रहूंगा। सरकार ने बहुत परेशान किया है। आदिवासियों की आवाज को बंद करना चाहती है। नगरनार को बेचने जा रहे हैं, अबूझमाड़ में सेना बिठा रहे हैं। इसकी आवाज उठाने पर डबल इंजन की सरकार मुझे जेल में डाल रही है। जो हो रहा है वह गलत हो रहा है। करोड़ों रुपए मिलने की बात झूठी है। मेरे घर में एक रुपए, फूटी कौड़ी भी नहीं मिली है। 6-6 बार चुनाव जीता हूं। विधानसभा में मैंने सवाल उठाए, घर पहुंचने से पहले ही ईडी आ गई। ईडी का दावा है कि सुकमा नगर पालिका अध्यक्ष जगन्नाथ राजू साहू कवासी लखमा का करीबी है। उसके घर से हिसाब-किताब की एक डायरी मिला है। इसमें लखमा द्वारा दिए गए धन से हरीश का मकान व कांग्रेस भवन बनाने का जिक्र है। इसमें पैसों का पूरा हिसाब है। इसी तरह जिला आबकारी अधिकारी इकबाल खान ने भी बयान दिया है कि उप निरीक्षक कन्हैयां कुर्रे के माध्यम से हर माह 50 लाख रुपए मंत्री बंगला जाता था। ओएसडी जयंत देवांगन पैसा लेते थे। तत्कालीन आबकारी सचिव अरुणपति त्रिपाठी ने भी डेढ़ करोड़ रुपए हर माह बंगला में छुड़वाने का दावा किया है। ईडी को छापे के दौरान अहम दस्तावेज मिला है।

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