शहरवासियों पर आर्थिक बोझ, अप्रैल से 5% प्रॉपर्टी और कमर्शियल टैक्स बढ़ेगा

मेयर और पार्षद का चुनाव संपन्न होने के बाद निगम की बोर्ड बैठक की तैयारियां तेज हो गई हैं। अब शहरवासियों पर आर्थिक बोझ भी बढ़ेगा। शहरवासियों पर अप्रैल से 5 फीसदी टैक्स बढ़ेगा। इस वित्तीय वर्ष 2025-2026 में पांच प्रतिशत अतिरिक्त प्रॉपर्टी और कमर्शियल टैक्स देना होगा। इससे नगर निगम को सालाना पांच करोड़ का इजाफा होगा। निगम के अस्तित्व में आने के बाद नई कॉलोनियां व घर बने हैं। निगम के रिकॉर्ड में 4.80 प्रॉपर्टी का रिकॉर्ड है जबकि करीब साढ़े पांच लाख मकान और कमर्शियल भवन शहर में मौजूद हैं। एक्ट के तहत प्रत्येक साल राज्य सरकार की ओर से जारी गाइडलाइंस के तहत पांच प्रतिशत प्रॉपर्टी और कमर्शियल टैक्स में बढ़ोतरी का प्रावधान है। इस साल अप्रैल से यह दरें लागू होनी हैं जिसके लिए नगर निगम की ओर से तैयारियां की जा रही है। जल्द ही नगर निगम बोर्ड की बैठक होना प्रस्तावित है। बोर्ड बैठक में ये प्रस्ताव आना लगभग तय है। इस बार 1 हजार करोड़ का बजट प्रस्तावित होगा निगम ने 2024-25 के लिए 990 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया था जबकि इस बार करीब एक हजार करोड़ का बजट प्रस्तावित होगा। पिछले वर्ष करीब 35 करोड़ रुपये निगम कर्मचारियों के वेतन के लिए अलग से रखा गया था। निगम की इनकम का प्रमुख स्रोत 630 करोड़ रुपये जीएसटी शेयर से है। कई बार जीएसटी शेयर समय से नहीं मिलने के कारण निगम को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है। निगम प्रबंधन ने सैलरी का इंतजार कर रहे कर्मचारियों को सोमवार को वेतन जारी कर दिया। निगम में करीब आठ हजार कर्मचारी हैं। इन कर्मचारियों को महीने के पहले सप्ताह वेतन मिलने के निर्देश हैं लेकिन नगर निगम की आर्थिक स्थिति सही नहीं होने के कारण कर्मचारियों से 20 से 25 तारीख तक वेतन मिल पाता था। इसे लेकर यूनियन पदाधिकारियों और कर्मचारियों ने सरकार और निगम अफसरों के साथ रोष जताया था। पिछले दो महीने से वेतन समय से मिल रहा था लेकिन इस महीने वेतन 9 फरवरी तक नहीं मिल पाया था। कमिश्नर, एडिश्नल कमिश्नर समेत अन्य कर्मचारी वेतन का इंतजार कर रहे थे। इसका कारण जीएसटी शेयर का हिस्सा नहीं मिलना बताया गया था। सोमवार को दोपहर को निगम की एकाउंट शाखा ने आनन-फानन में कर्मचारियों को वेतन जारी कर दिया। निगम सालाना 100 करोड़ टैक्स वसूलता है इस प्रस्ताव पर फैसले के बाद निगम की ओर से चिन्हित प्रॉपर्टीज के एरिया के हिसाब से पांच प्रतिशत अतिरिक्त दरें जोड़कर टैक्स तय किया जाएगा। निगम अधिकारियों की मानें तो सालाना निगम 100 करोड़ टैक्स वसूलता है। अप्रैल में नई दरों के लागू होने से निगम को सालाना करीब 5 करोड़ रुपये का राजस्व अतिरिक्त प्राप्त होगा। जबकि शहर की जनता पर आर्थिक बोझ भी पड़ेगा। एडिश्नल कमिश्नर परमदीप सिंह ने बताया कि निगम की आय बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। कैटेगरी टैक्स पहले अब

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