उज्जैन की एक महिला ने नीलगंगा थाने में इंदौर के एक व्यक्ति के खिलाफ रेप की एफआईआर दर्ज कराई है। मामले की जांच इंदौर की सेंट्रल कोतवाली पुलिस को सौंपी गई है। जानकारी के मुताबिक, पहली शादी के बाद पति ने महिला को छोड़ दिया। इसके बाद वह 10 महीने तक आरोपी के साथ लिव-इन में रही। फिर आरोपी के पास से चली गई और दूसरी शादी कर ली। जब बेटी के उपचार के लिए महिला इंदौर के अस्पताल आई, तो आरोपी उसे फिर अपने साथ ले गया। महिला के पति ने उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई। बाद में महिला फिर से अपने पति के पास पहुंची और तीन महीने बाद आरोपी पर एफआईआर दर्ज कराई। सेंट्रल कोतवाली पुलिस के पास मंगलवार को उज्जैन से एक मामला पहुंचा है, जिसमें 26 साल की महिला की शिकायत पर संतोष उर्फ कालिया मोगिंया निवासी मालवा मिल के खिलाफ रेप का केस दर्ज किया गया है। पहले पति को छोड़ने के बाद आरोपी से मिली महिला पीड़िता ने बताया कि 2017 में उसकी शादी इंदौर में हुई थी। शादी के बाद उसे दो बेटियां हुईं, लेकिन पति के शराब की आदत और झगड़ों के कारण उसने पांच साल बाद उसे छोड़ दिया। छोटी बेटी को पति ने अपने पास रखा, जबकि वह अपने माता-पिता के पास राजस्थान चली गई। जब वह पति के पास वापस लौटी, तो उसने उसे रखने से इनकार कर दिया। इस बीच उसकी मुलाकात संतोष से हुई, जो उसके पति को जानता था। संतोष के साथ वह उज्जैन में लिव-इन में रहने लगी। संतोष ने उसे और उसकी बेटी के साथ मारपीट शुरू कर दी। 10 महीने रहने के बाद महिला फिर से अपने माता-पिता के पास चली गई। बच्ची के इलाज के बीच आरोपी महिला को ले गया 2023 में महिला ने उज्जैन में दूसरी शादी कर ली। मई 2024 में उसे जुड़वां बच्चियां हुईं, जिनकी हालत खराब थी और दोनों को आईसीयू में भर्ती करना पड़ा। इस बीच एक बच्ची को इंदौर रेफर किया गया लेकिन इलाज के दौरान उस बच्ची का निधन हो गया। हालांकि दूसरी बच्ची का इंदौर के ही अस्पताल में इलाज चलता रहा। 9 जुलाई को जब वह अस्पताल में बेटी के साथ थी, तब संतोष कालिया अपने दो साथियों के साथ वहां पहुंचा। उसने धमकी दी कि अगर बेटी की जान बचानी है तो उसके साथ चलना होगा। इसके बाद उसने छुट्टी करवाकर महिला को अपने साथ ले गया। मालवा मिल पहुंचकर संतोष ने महिला के पति को फोन करवाया और कहा कि वह उसके साथ नहीं रहना चाहती। संतोष ने बेटी को मारने की धमकी दी, जिससे महिला को उसकी बात माननी पड़ी। इसके बाद संतोष ने महिला को 10 दिनों तक कमरे में बंधक बनाकर रखा। 19 जुलाई को बच्ची की तबीयत बिगड़ गई। महिला ने संतोष से बेटी का इलाज कराने की गुहार लगाई, लेकिन उसने इनकार कर दिया। काफी कहने के बाद वह बच्ची को अस्पताल लेकर गया। अस्पताल में आईसीयू में बच्ची का इलाज चल रहा था, और इस दौरान संतोष बाहर बैठा रहा। गार्ड की मदद से थाने पहुंची महिला इसी बीच एक गार्ड से महिला की बातचीत हुई, जिसने बताया कि उसके जाने के बाद पति उसे ढूंढते हुए अस्पताल आया था। महिला ने गार्ड पर भरोसा करके उसे अपनी पूरी स्थिति बताई। बाद में, संतोष को कपड़े लाने के लिए घर भेज दिया और गार्ड की मदद से थाने पहुंच गई। थाने में पुलिस ने बताया कि पति वहां आया था, लेकिन उसने रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई और नंबर देकर चला गया। महिला ने पति को वहां से फोन किया। जब पति उसे लेने आया, तो पुलिस ने एफआईआर दर्ज कराने की बात कही, लेकिन पति ने एफआईआर कराने से इनकार कर दिया। इसके बाद महिला ने पति को सारी बात बताई। परिवार से चर्चा के बाद उसने मामले में एफआईआर दर्ज कराई।


