केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 22 जून को दो दिन के छत्तीसगढ़ दौरे पर आ रहे हैं। यह उनके पिछले सभी दौरों से अलग होगा। वे पहली बार नारायणपुर जिले के नियद नेल्लानार गांवों में घूमेंगे और वहां के लोगों से बातचीत करेंगे। इसके अलावा अबूझमाड़ के उस इलाके के कैंप में भी जाएंगे जहां कुछ दिन पहले ही सबसे बड़े नक्सली बासव राजू को मार गिराया गया था। दरअसल, नियद नेल्लानार वही गांव हैं जहां के लोगों तक केंद्र और राज्य सरकार की तमाम योजनाओं को पहुंचाकर उन्हें मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है।
शाह ने छत्तीसगढ़ समेत पूरे देश से मार्च 2026 तक नक्सलवाद का खात्मा करने का टारगेट सेट किया है। इसे पूरा करने में राज्य सरकार नक्सल मोर्चे पर आक्रामक तरीके से आगे बढ़ रही है। शाह लगातार छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके का दौरा कर न सिर्फ वहां के जवानों का मनोबल बढ़ा रहे हैं, बल्कि वहां के लोगों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने पर भी फोकस कर रहे हैं। इसी कड़ी में शाह 23 जून को बस्तर के नारायणपुर जिले के दौरे पर रहेंगे। पहले रायपुर आएंगे, यहां से जाएंगे बस्तर के दौरे पर अमित शाह 22 जून को रायपुर आएंगे। यहां नवा रायपुर में वे नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (एनएफएसयू) कैंपस का भूमिपूजन करेंगे। 40 एकड़ में बनने वाले इस विवि में 400 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसी के साथ लगभग 7 एकड़ पर बनने फॉरेंसिक लैब का भूमिपूजन भी करेंगे। बीएसएफ के इरकभट्टी कैंप में जानेंगे हालात शाह गांव के लोगों से बातचीत के बाद नारायणपुर जिले के इरकभट्टी बीएसएफ कैंप का भी दौरा करेंगे। जहां वे भोजन करने के साथ ही बीएसएफ के जवानों से बातचीत करेंगे। यह अबूझमाड़ का वही इलाका है जहां पर जवानों ने हाल ही में दस करोड़ के इनामी नक्सली बसवराजू को मार गिराया था।
क्या है नियद नेल्लानार योजना नियद नेल्लानार बस्तर क्षेत्र के नक्सल प्रभावित जिलों में चलाई जा रही एक योजना है। इसका उद्देश्य इन क्षेत्रों में शासन की योजनाओं को जनता तक पहुंचाना और मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना है। यह बीजापुर, सुकमा, कांकेर, दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिले में चलाई जा रही है।