शिअद हाईकमान श्री अकालतख्त साहिब के 2 दिसंबर के आदेशों को रद्द करवाने को प्रयासरत

गुरमीत लूथरा| अमृतसर शिरोमणि अकाली दल हाईकमान श्री अकालतख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह द्वारा 2 दिसंबर 2024 को जारी आदेशों को रद्द करवाने को प्रयासरत है। पार्टी सूत्रों के अनुसार पार्टी प्रधान सुखबीर सिंह बादल अप्रत्यक्ष तौर से इन आदेशों को रद्द करवाने का प्रयास कर रहे हैं। गौरतलब है कि 2 दिसंबर को जारी एक प्रमुख आदेश में तख्तों के सिंह साहिबानों ने शिअद के पुनर्गठन के लिए 7 सदस्यीय शिअद भर्ती कमेटी (अब पांच सदस्यीय) का गठन किया था। एसजीपीसी प्रधान हरजिंदर सिंह धामी व पूर्व प्रधान किरपाल सिंह बडूंगर द्वारा इस्तीफा देने के बाद उक्त कमेटी के शेष पांच सदस्यों के प्रमुख मनप्रीत सिंह अयाली की अगुवाई में इस भर्ती कमेटी ने शिअद प्रधान सुखबीर बादल के समांतर प्रधान का चयन करने के लिए 11 अगस्त को बैठक बुलाई है। उक्त बैठक एसजीपीसी मुख्यालय तेजा सिंह समुंद्री हाल में बुलाई गई है। अब पार्टी हाईकमान नहीं चाहती है कि उक्त बैठक हो तथा इसमें प्रधान का चयन हो सके। इसी के चलते दिल्ली अकाली दल के प्रधान परमजीत सिंह सरना व अन्यों के माध्यम से तख्तों के सिंह साहिबान पर आगामी जत्थेदारों की बैठक में इस कमेटी की मान्यता को ही रद्द कर देने का दबाव डाला जा रहा है। तख्त श्री दमदमा साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने बताया कि बादल परिवार विशेषकर सुखबीर सिंह बादल ऐसे आदेशों को रद्द करवाने के लिए सिंह साहिबानों पर दबाव डालने को निरंतर प्रयासरत हैं। पांच सदस्यीय कमेटी के 11 अगस्त के इजलास पर रोक लगाने की भी हाईकमान द्वारा जद्दोजहद जारी है। बकौल हरप्रीत, बादल की मंशा भर्ती कमेटी द्वारा 10 लाख से अधिक अकाली वर्करों की, की गई भर्ती भी अमान्य करवाने के प्रयास जारी हैं। ^ सिंह साहिबान पर किसी भी तरह का दबाव नहीं डाला जा रहा है। श्री अकालतख्त साहिब के जत्थेदार के आदेश पूरे सिख कौम को मान्य हैं। ज्ञानी हरप्रीत सिंह अथवा अन्यों द्वारा इस तरह की बातें की जा रही हैं जो कि निराधार हैं। – परमजीत सिंह सरना , प्रधान, शिअद दिल्ली इकाई बादल परिवार दबाव की रणनीति अपनाए हुए हैं : ज्ञानी हरप्रीत सिंह

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