शिक्षा सत्र बीता लेकिन स्कूल भवन की जगह अब भी झोपड़ी

भास्कर न्यूज | सुकमा शिक्षा सत्र 2024-25 लगभग समाप्ति की ओर है लेकिन जिले के कई स्कूल ऐसे हैं जहां आज भी सुविधाएं नहीं पहुंच सकी हैं। आलम यह है कि आज भी बच्चों को भवन के अभाव में झोपड़ी में पढ़ना पड़ रहा है। कोंटा ब्लॉक के ओंदरपारा प्राइमरी स्कूल बीते 10 सालों से झोपड़ी में चल रहा है। जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अफसर बच्चों की परेशानी की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। इस स्कूल में 25 से ज्यादा बच्चे पंजीकृत हैं नए शिक्षा सत्र के शुरुआत में ही दैनिक भास्कर ने ओंदरपारा प्राइमरी स्कूली की ग्राउंड रिपोर्ट प्रकाशित की थी और बताया था कि किस तरह से बच्चे झोपड़ी में सुविधाओं के अभाव में शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं। खबर प्रकाशन के साथ जिम्मेदार अफसरों को इस समस्या से अवगत भी कराया था। साल बीतने को आया है लेकिन आज भी स्कूल झोपड़ी में लग रहा है। 10 माह बीत जाने के बाद भी बच्चों को झोपड़ी से निजात नहीं मिल पाई है। इससे समझ सकते हैं कि जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग के अफसर बुनियादी शिक्षा को लेकर कितने गंभीर है। प्रदेश सरकार नियम नेल्ला नार योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में विकास पहुंचना चहती है, लेकिन भेजी से महज 500 मीटर की दूरी पर ओंदेरपारा प्राइमरी स्कूल में बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल पाई हैं। 5 साल पहले जिला और पुलिस प्रशासन ने इंजरम से भेजी तक सीसी सड़क का निर्माण कराया था और दावा किया था कि नक्सलवाद का दंश झेल रहे भेजी में बुनियादी सुविधाएं पहुंचेगी। लेकिन नक्सल मुक्त हो चुके भेजी के इस स्कूल का भवन नहीं बन पाया है। ग्रामीणों की मांग के बाद भेजी के ओंदेरपारा में स्कूल भवन की मंजूरी मिली। सारी प्रशासनिक प्रक्रिया के बाद ओंदेरपारा प्राथमिक शाला के लिए सरकारी राशि भी आवंटित हुई। तीन साल पहले जनपद पंचायत के माध्यम से भवन निर्माण का काम शुरू हुआ। कछुआ गति से चल रहे निर्माण कार्य के चलते बच्चे झोपड़ी में पढ़ने को मजबूर हैं। भवन का काम शुरू हुए करीब 3 साल होने को है। पेंट, पुट्टी, फ्लोरिंग और वायरिंग का काम अभी बचा हुआ है। ओंदेरपारा के नए स्कूल भवन के करीब ही शिक्षा विभाग द्वारा अतिरिक्त कक्ष का निर्माण कराया जा रहा है। उक्त भवन का काम शुरू हुए 4 माह बीत गया है। ठेकेदार की लापरवाही के कारण अतिरिक्त कक्ष अधूरा पड़ा है। कक्ष का निर्माण भी यदि पूरा हो जाए तो बच्चों को झोपड़ी में बैठने की मजबूरी से निजात मिलेगी। कोंंटा बीईओ पी श्रीनिवास राव ने बताया कि ओंदेरपारा प्राइमरी स्कूल का निर्माण जारी है। जनपद पंचायत कोंटा इसकी निर्माण एजेंसी है। पत्राचार कर जल्द भवन निर्माण को पूरा करने की मांग करेंंगे।

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