हिमाचल की राजधानी शिमला में खेलने के लिए एक भी अच्छा क्रिकेट स्टेडियम नहीं है। इससे मायूस क्रिकेट लवर बिनू दीवान, अजय और अभय नाम के तीन दोस्तों ने पांच साल पहले क्रिकेट स्टेडियम बनाने की ठानी। ‘पहाड़’ जैसी चुनौतियों के बावजूद इन्होंने चार साल में ही खूबसूरत स्टेडियम बना तैयार कर लिया है। इसकी चौड़ाई लगभग 91 मीटर और लंबाई 120 मीटर है। पूरे ग्राउंड में हरी घास जम चुकी है। स्टेडियम खेलने के लिए पूरी तरह तैयार है। पड़ेची स्टेडियम की समुद्र तल से ऊंचाई लगभग 5400 फीट है। शिमला सचिवालय से यह लगभग 15 किलोमीटर दूर पड़ेची गांव में बनाया गया है। इसका, लगभग 90 प्रतिशत काम पूरा है। इन युवाओं ने स्टेडियम के लिए पहले लगभग 90 बीघा जमीन खरीदी। यहां जमीन का ढलान 45 डिग्री से भी ज्यादा था। ऐसे ढलानदार पहाड़ को समतल मैदान में तब्दील करने की सबसे बड़ी चुनौती इन युवाओं के सामने थी। यहां तक पहाड़ की कटिंग को मशीनरी पहुंचाना भी मुश्किल था, क्योंकि स्टेडियम तक पहले सड़क भी नहीं थी। मगर अब सड़क के साथ साथ स्टेडियम भी बनकर तैयार है। 70 हजार टिप्पर मलबा निकला बिनू दीवान ने बताया- जमीन खरीदने के बाद उन्होंने पहाड़ की कटिंग शुरू की। पहाड़ को काटकर 70 हजार टिप्पर मलबा निकला। स्टेडियम बनाने के लिए करीब 150 मीटर लंबाई और 20 से 40 मीटर तक की ऊंची-ऊंची रिटेनिंग वॉल लगानी पड़ी। 4 साल में वह काम कर दिखाया, जो सरकार 15 साल में नहीं कर पाई शिमला में लंबे समय से राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल मैदान की कमी महसूस की जा रही थी। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने शिमला के कटासनी में एक इंडोर स्टेडियम का निर्माण तो शुरू किया, लेकिन लगभग 15 साल से स्टेडियम का काम पूरा नहीं हो पाया। इसके उलट, निजी संसाधनों और अपने जुनून के दम पर तीन युवाओं ने सिर्फ चार साल में पहाड़ काटकर एक ऐसा मैदान तैयार कर दिया, जो आने वाले समय में न सिर्फ स्थानीय खिलाड़ियों के लिए, बल्कि पहाड़ के खेल भविष्य के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। अब पड़ेची स्टेडियम में होगा ‘प्रो-HPCL’ का चौथा सीजन क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक और खुशखबरी यह है कि प्रो-HPCL (हिमाचल प्रीमियर क्रिकेट लीग) का चौथा सीजन अप्रैल 2026 में इसी मैदान में करवाया जाएगा। इससे पहले HPCL के तीन सीजन शिमला में ग्राउंड नहीं होने की वजह से चंडीगढ़ में करवाए गए। क्रिकेट स्कूल प्लान कर रहे: बिनू बिनू दीवान ने बताया- निकट भविष्य में वह यहां पर क्रिकेट स्कूल प्लान कर रहे हैं, ताकि प्रदेश के युवाओं को अच्छा प्रशिक्षण दिया जा सके। उन्होंने बताया- स्टेडियम नहीं होने की वजह से शिमला और आसपास के जिलों के युवाओं को अपनी प्रतिभा निखारने का मौका नहीं मिल पाता। स्थानीय युवाओं के लिए बड़ी उम्मीद हिमाचल के कई युवा क्रिकेट में भविष्य बनाना तो चाहते हैं, लेकिन शिमला और आसपास ग्राउंड नहीं होने से युवा अभ्यास नहीं कर पाते। धर्मशाला में भले इंटरनेशनल स्टेडियम है, लेकिन शिमला से धर्मशाला तक पहुंचना हर युवा के लिए संभव नहीं। शिमला में बना नया स्टेडियम शिमला, सोलन, सिरमौर, किन्नौर, मंडी और बिलासपुर जिलों के युवाओं के लिए एक बड़ा मंच होगा। तीनों दोस्तों की सोच- ‘हम पहाड़ के बच्चों के लिए कुछ करना चाहते थे’ बिनू दीवान ने बताया- ‘हमारा सपना था कि शिमला में भी धर्मशाला जैसा मैदान हो। खिलाड़ी पहाड़ों में पीछे न रह जाएं और नशे व मोबाइल से बाहर लाकर मैदान में खड़ा किया जाए। इसलिए, हमने अपनी क्षमता के अनुसार कदम आगे बढ़ाया।’ कैसे पहुंचे पड़ेची स्टेडियम कसुम्पटी विधानसभा के पड़ेची क्रिकेट स्टेडियम के लिए वाया मेहली-अश्वनी खड्ड या फिर चायल होते जा सकते है। शिमला के मैहली से पड़ेची स्टेडियम लगभग 11 किलोमीटर दूर, जबकि शिमला से वाया चायल होते हुए लगभग 35 किलोमीटर दूर है।


