शेयर बाजार की गिरावट में पैसा बनाने का मौका:मजबूत फंडामेंटल वाले स्टॉक खरीदें, SIP के जरिए निवेश सही; 7 बातों का रखें ध्यान

शेयर बाजार में आज यानी 7 अप्रैल को 4% से ज्यादा की गिरावट है। वहीं इस साल अब तक बाजार 8% से ज्यादा गिर चुका है। इस गिरावट से निवेशकों में डर का माहौल है। हालांकि, इस गिरावट में सही स्ट्रैटजी आपको अच्छा पैसा कमा के दे सकती है। केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया के अनुसार इस समय मजबूत फंडामेंटल और लार्ज-कैप स्टॉक्स पर फोकस करना चाहिए। ऐसे समय में ये कंपनियां बेहतर प्रदर्शन करती हैं। वहीं कंजम्पशन सेक्टर के शेयर जैसे फार्मा-हेल्थकेयर, एनर्जी और बैंकिंग में निवेश करना चाहिए। एक्सपर्ट की बताई 7 जरूरी बातें जिनका ध्यान बाजार की गिरावट में रखें… 1. शांत रहें और घबराहट में बिक्री से बचें क्या करें: बाजार में गिरावट के दौरान भावनात्मक फैसले लेने से बचें। स्टॉक्स को सस्ते दाम पर बेचने से नुकसान तय हो जाता है, जबकि होल्ड करने से रिकवरी की संभावना बनी रहती है। क्यों: ऐतिहासिक रूप से, भारतीय बाजार ने बड़े झटकों (जैसे मार्च 2020 में 13.15% की गिरावट) के बाद रिकवरी दिखाई है। अप्रैल 2025 की यह गिरावट भी अस्थायी हो सकती है। 2. मजबूत फंडामेंटल वाले स्टॉक्स पर ध्यान दें क्या करें: उन कंपनियों में निवेश करें जिनके पास मजबूत बैलेंस शीट, लगातार प्रॉफिट, और अच्छा मैनेजमेंट है, जैसे कि लार्ज-कैप स्टॉक्स या डिफेंसिव सेक्टर (FMCG, फार्मा)। क्यों: गिरावट में लार्ज-कैप और डिफेंसिव स्टॉक्स कम अस्थिर होते हैं। उदाहरण के लिए, 4 अप्रैल को जब IT और फाइनेंशियल सेक्टर गिरे, फार्मा इंडेक्स में 2.25% की बढ़त देखी गई। 3. सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) शुरू करें या बढाएं क्या करें: म्यूचुअल फंड्स या इंडेक्स फंड्स में SIP के जरिए नियमित निवेश करें, खासकर अब जब बाजार नीचे है। क्यों: गिरावट में निवेश करने से एवरेज कॉस्ट कम रहती है, और बाजार के ठीक होने पर बेहतर रिटर्न मिलता है। मिसाल के तौर पर, 2008 की मंदी के बाद निवेशकों को अगले 5 साल (2009-2013) में लॉर्ज कैप फंड्स की SIP 12% से 15% का रिटर्न मिला। 4. कैश रिजर्व बनाए रखें क्या करें: अपने पोर्टफोलियो का 20-30% हिस्सा नकदी या लिक्विड एसेट्स में रखें ताकि आगे और गिरावट होने पर खरीदारी का मौका मिले। क्यों: बाजार और नीचे जा सकता है। कैश होने से आप सस्ते में क्वालिटी स्टॉक्स खरीद सकते हैं। यह रणनीति बड़े निवेशकों द्वारा अक्सर अपनाई जाती है। 5. रिस्क मैनेजमेंट जरूरी क्या करें: स्टॉप-लॉस सेट करें या पुट ऑप्शंस जैसे हेजिंग टूल्स का इस्तेमाल करें, खासकर ट्रेडर्स के लिए। लंबी अवधि के निवेशक डायवर्सिफिकेशन (इक्विटी, डेट, गोल्ड) पर फोकस करें। क्यों: अप्रैल 2025 में IT सेक्टर (इन्फोसिस, TCS) में 20-25% की गिरावट दिखी है। रिस्क मैनेजमेंट से नुकसान को सीमित किया जा सकता है, खासकर अस्थिर बाजार में। 6. सस्ते स्टॉक्स से बचें क्या करें: पैनी स्टॉक्स या कमजोर फंडामेंटल वाली कंपनियों में निवेश से परहेज करें। क्यों: ये स्टॉक्स गिरावट में सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं और रिकवरी की संभावना कम होती है। उदाहरण के लिए, स्मॉल-कैप और मिड-कैप स्टॉक्स में 2025 में भारी नुकसान देखा गया है। 7. लंबी अवधि पर नजर रखें क्या करें: शॉर्ट टर्म में होने वाले उतार-चढ़ाव को नजरअंदाज कर 3-5 साल के लक्ष्य बनाएं। क्यों: भारतीय बाजार ने हमेशा लंबी अवधि में ग्रोथ दिखाई है। 1992 (12.77% गिरावट) से लेकर 2020 तक, हर बड़े क्रैश के बाद रिकवरी हुई है।

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