शेयर बाजार के लिए 9 अक्टूबर अहम:दूसरी तिमाही नतीजों से लेकर टेक्निकल फैक्टर्स तय करेंगे चाल; जानें किस दिशा में जाएगा बाजार?

इस हफ्ते शेयर बाजार में 9 अक्टूबर की तारीख अहम है। वेल्थव्यू एनालिटिक्स के डायरेक्टर हर्षुभ शाह के मुताबिक इस दिन बाजार में बड़े मूव्स देखने को मिल सकते हैं। इसके अलावा कंपनियों के दूसरी तिमाही के नतीजे, ग्लोबल मार्केट के संकेत, विदेशी निवेशकों की खरीद-बिक्री से लेकर टेक्निकल फैक्टर्स बाजार की चाल तय करेंगे। चलिए समझते हैं कि इस हफ्ते बाजार में क्या हो सकता है… सपोर्ट जोन: 24,850 | 24,805 | 24,688 | 24,647 | 24,538 | 24,458 | 24,382 सपोर्ट यानी, वह स्तर जहां शेयर या इंडेक्स को नीचे गिरने से सहारा मिलता है। यहां खरीदारी बढ़ने से कीमत आसानी से नीचे नहीं जाती। इन स्तरों पर खरीदारी का मौका मिल सकता है। रेजिस्टेंस जोन: 24,978 | 25,001 | 25,035 | 25,082 | 25,145 | 25,322 | 25,434 रेजिस्टेंस यानी, वह स्तर जहां शेयर या इंडेक्स को ऊपर जाने में रुकावट आती है। ऐसा बिकवाली बढ़ने से होता है। अगर निफ्टी रजिस्टेंस जोन को पार करता है, तो नई तेजी आ सकती है। ट्रेडिंग आउटलुक: क्या करें ट्रेडर्स? मार्केट डायरेक्शन अगला ट्रेडिंग डे (6 अक्टूबर): बाजार में हल्की तेजी की उम्मीद है। शुक्रवार के 25,904 के हाई के ऊपर ब्रेकआउट होने पर निफ्टी 25,000 तक जा सकता है। मुख्य सपोर्ट 24,800 पर है। कारण: DII की खरीदारी FII की बिकवाली को बैलेंस कर रही है। कम VIX (10.06) नीचे की ओर जाने के डर को कम कर रहा है। बुलिश MACD + हाई वॉल्यूम से तेजी के संकेत मिल रहे हैं। RSI 58 पर है जो ओवरबॉट रिस्क से बचाता है। पूरे हफ्ते (6–10 अक्टूबर): कुल मिलाकर तेजी की संभावना है। अगर FII बिकवाली तेज हुई तो थोड़ी गिरावट आ सकती है, लेकिन DII सपोर्ट + गिरता VIX नुकसान को सीमित रखेगा। वीकली PCR (1.15) और OI का झुकाव कॉल्स के पक्ष में है। RSI शुक्रवार तक 62 तक पहुंच सकता है। वहीं, अगर VIX 12 से ऊपर चढ़ जाए तो 24,700 का टेस्ट हो सकता है। अब 3 फैक्टर्स जो बाजार की दिशा तय कर सकते हैं… 1. दूसरी तिमाही नतीजे: सितंबर क्वार्टर के अर्निंग्स सीजन की शुरुआत अगले हफ्ते से हो जाएगी, जिसमें टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) 9 अक्टूबर को अपने रिजल्ट्स अनाउंस करेगी। आईटी सेक्टर के Q2 अर्निंग्स शायद सुस्त ही रहेंगे। टैरिफ से जुड़ी अनिश्चितताओं की वजह से स्लोडाउन आया है। कुल मिलाकर मैक्रोइकॉनॉमिक माहौल अभी भी नाजुक बना हुआ है। 2. FII एक्शन: फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (FIIs) इस महीने अभी तक नेट सेलर्स बने हुए हैं। उन्होंने अभी तक कैश सेगमेंट में 3,188 करोड़ रुपए की बिकवाली की। हालांकि, डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (DIIs) ने 3405 करोड़ी की खरीदारी कर बाजार को सपोर्ट दिया। 3. टेक्निकल फैक्टर्स: रेलिगेयर ब्रोकिंग में SVP- रिसर्च अजित मिश्रा ने कहा, निफ्टी अपने तत्काल रेजिस्टेंस 24,900 के करीब बंद हुआ है, जो 20-DEMA से मेल खाता है। मजबूत रेजिस्टेंस के कारण पहले 25,150 और फिर 25,400 के ऊपर जाने में बाजार को परेशानी हो सकती है। नीचे की ओर तत्काल सपोर्ट अब 24,600–24,800 के जोन में है। 4. ग्लोबल फैक्टर्स: अमेरिकी फेडरल रिजर्व की फेडरल ओपन मार्केट कमिटी (FOMC) मीटिंग के मिनट्स 8 अक्टूबर को जारी होंगे। इनपर बाजार की नजर रहेगी। इसके अलावा अमेरिकी बाजार की चाल अन्य बाजारों को प्रभावित करती है। भारतीय बाजारों पर भी इसका कुछ असर दिख सकता है। 5. मैक्रोइकॉनॉमिक डेटा: HSBC सर्विसेज और कंपोजिट PMI डेटा जारी होगा। इसके साथ-साथ बैंकिंग सेक्टर के लोन और डिपॉजिट ग्रोथ के डेटा पर निवेशकों की नजर रहेगी। सेंसेक्स 223 अंक चढ़कर 81,207 के स्तर पर बंद हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार, 3 अक्टूबर को शेयर बाजार तेजी के साथ बंद हुआ। सेंसेक्स 223 अंक की तेजी के साथ 81,207 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी भी 57 अंक चढ़कर 24,894 के स्तर पर बंद हुआ। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 15 शेयर्स में तेजी और 15 शेयर्स में गिरावट रही। कारोबार के दौरान सेंसेक्स में दिन के निचले स्तर से 600 अंक और निफ्टी में 150 अंक की रिकवरी आई। सुबह सेंसेक्स में 200 अंक और निफ्टी में 50 अंक की गिरावट देखने को मिली थी। डिस्क्लेमर: ये लेख सिर्फ जानकारी और सीखने के लिए है। ऊपर दी गई राय और सलाह व्यक्तिगत विश्लेषकों या ब्रोकिंग कंपनियों की हैं, न कि दैनिक भास्कर की। हम निवेशकों को सलाह देते हैं कि कोई भी निवेश फैसला लेने से पहले सर्टिफाइड विशेषज्ञों से सलाह जरूर लें।

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