डीग जिला कलेक्ट्रेट से महज 700 मीटर की दूरी पर स्थित श्योपुरा गांव में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। यहां कीचड़ भरे रास्तों के कारण शव यात्रा निकालना भी मुश्किल हो गया है। ग्रामीणों को मृतकों को श्मशान घाट तक ले जाने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गांव की स्थिति इतनी खराब है कि पैदल चलना भी दूभर है। सरकार ने इस गांव को नौ महीने पहले नगर परिषद में शामिल कर वार्ड नंबर भी आवंटित कर दिया था, लेकिन जमीनी हकीकत 90 के दशक जैसी बनी हुई है। मूलभूत सुविधाओं का यहां पूरी तरह अभाव है। ग्रामीणों ने इस संबंध में जिला कलेक्टर, नगर परिषद आयुक्त और एसडीएम सहित सभी संबंधित अधिकारियों को कई बार ज्ञापन सौंपे हैं। जिला मुख्यालय और पंचायत समिति में जनप्रतिनिधियों तथा शीर्ष नौकरशाहों का जमावड़ा लगा रहता है, लेकिन गांव के हालात में कोई सुधार नहीं हुआ है। उल्लेखनीय है कि 11 नवंबर को सरकार द्वारा इसी गांव में जनजाति गौरव दिवस का आयोजन किया गया था। हालांकि, गांव की वर्तमान स्थिति ऐसी है कि आम राहगीर भी यहां से गुजरने में शर्मिंदगी महसूस करते हैं।


