लुधियाना| एम जे के नगर, गली नंबर 2 में जारी श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के सप्तम दिवस पर कथा व्यास पूज्य पंडित अवधेश पांडे जी ने रुक्मणी-श्रीकृष्ण विवाह का रोचक प्रसंग सुनाया। उन्होंने बताया कि रुक्मणी जी, जो साक्षात मां लक्ष्मी का अवतार थीं, उनका विवाह शिशुपाल से तय कर दिया गया था। लेकिन उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण को पत्र भेजकर आग्रह किया। श्रीकृष्ण ने रथ पर सवार होकर विदर्भ पहुंचकर रुक्मणी का हरण किया। जब शिशुपाल ने अपनी सेना संग श्रीकृष्ण को घेरा, तब बलराम जी ने वीरता दिखाते हुए शत्रु सेना को परास्त किया और श्रीकृष्ण रुक्मणी जी को द्वारका ले गए, जहां उनका विधिवत विवाह संपन्न हुआ। मुख्य यजमान विजय चौबे, अजय चौबे, मुरारी पाठक, सोनू पाठक, महेश ओझा, सुनीता ओझा, बिंदु पाठक, प्रियंका चौबे और निधि चौबे ने पूजन-अर्चन व आरती कर प्रसाद वितरण किया। श्रद्धालु भक्ति रस में सराबोर हो गए।