श्रीलंका के सांसद हर्षा डी सिल्वा ने 50% टैरिफ लगाए जाने के बाद भारत का समर्थन किया है। व्यापार मुद्दे पर भारत-अमेरिका में बढ़े तनाव पर बहस के दौरान श्रीलंका की संसद में हर्षा ने कहा कि हमारी सरकार भारत के साथ खड़े होने की बजाय मजाक कर रही है। हर्षा ने कहा- ‘भारत का मजाक मत उड़ाओ। जब हम मुश्किल में थे, तब केवल भारत ने हमारी मदद की थी। अभी खेल खत्म नहीं हुआ है। भारत को उम्मीद थी कि टैरिफ 15% तक कम होगा, और हमें भी यही उम्मीद थी।’ उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी बात दोहराते हुए लिखा, ‘मैंने सरकार को भारत का मजाक उड़ाने के लिए लताड़ा। भारत हमारा सच्चा दोस्त है, जिसने हमारे सबसे कठिन समय में हमारा साथ दिया। हमें उनके संघर्ष का सम्मान करना चाहिए, न कि उसका मजाक उड़ाना चाहिए। भारत का साहस पूरे एशिया को प्रेरित करता है।’ आर्थिक संकट के समय भारत ने श्रीलंका की मदद की श्रीलंका 2022 में खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा था। श्रीलंका के पास विदेशी मुद्रा खत्म हो गई थी, जिसके कारण वह जरूरी सामान जैसे ईंधन, दवाइयां, और खाना आयात नहीं कर पा रहा था। इस दौरान भारत ने श्रीलंका का साथ दिया था। भारत ने श्रीलंका को लगभग 5 अरब डॉलर की आर्थिक मदद दी, जिसमें 3.3 टन चिकित्सा सामग्री जैसे दवाइयां और जरूरी मेडिकल सामान शामिल थे। इसके अलावा, भारत ने 400 मिलियन डॉलर की मुद्रा स्वैप दी, ताकि श्रीलंका को तुरंत पैसे की कमी से राहत मिले। भारत ने 3.1 अरब डॉलर का कर्ज भी दिया, जिससे श्रीलंका खाना, ईंधन और दवाइयां जैसी जरूरी चीजें खरीद सका। साथ ही, भारत ने पेट्रोलियम, ट्रेन, बसें और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए अनुदान और सामान भी दिया। श्रीलंका पर 20% टैरिफ अमेरिका ने श्रीलंका के सामानों पर 20% टैरिफ लगाया है, जो 7 अगस्त 2025 से लागू हो गया है। पहले अप्रैल 2025 में 44% टैरिफ की घोषणा की गई थी, जिसे बाद में जुलाई में 30% और फिर 31 जुलाई 2025 को 20% तक कम कर दिया गया। यह कमी श्रीलंका की व्यापारिक वार्ताओं और अमेरिका के साथ व्यापार और सुरक्षा प्रतिबद्धताओं के बाद हुई। यह टैरिफ श्रीलंका के निर्यात, खासकर कपड़ा और रबर जैसे क्षेत्रों को प्रभावित करेगा, जो अमेरिका में सालाना करीब 3 अरब डॉलर का व्यापार करते हैं। पूर्व अमेरिकी NSA बोले थे- ट्रम्प के टैरिफ का उल्टा असर श्रीलंका के अलावा हर्षा डी सिल्वा अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने भी भारत पर ट्रम्प के 50% टैरिफ को गलत बताया था। बोल्टन ने 9 अगस्त को कहा था कि ट्रम्प की नीतियों से भारत, अमेरिका से दूर होता जा रहा है। CNN को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने भारत पर कुल 50% टैरिफ लगाने के फैसले को ‘भारी भूल’ बताया। बोल्टन ने आशंका जाहिर की है कि रूस को कमजोर करने के लिए भारत पर लगाया गया एक्स्ट्रा टैरिफ कहीं उल्टा न पड़ जाए। उन्होंने कहा कि अमेरिका, भारत को रूस और चीन से दूर रखने के लिए कई साल से कोशिश कर रहा था लेकिन अब वह कोशिश कमजोर पड़ चुकी है। पूर्व NSA ने कहा कि भारत पर टैरिफ लगाने का मकसद रूस को नुकसान पहुंचाना है, लेकिन नतीजा यह हो सकता है कि भारत, रूस और चीन एकजुट होकर इन टैरिफ का विरोध करें। ट्रम्प बोले- टैरिफ से रोज करोड़ों डॉलर आ रहे इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने 1 अगस्त को दावा किया था कि टैरिफ से शेयर बाजार में जबरदस्त बढ़ोतरी हो रही है और हर दिन नए रिकॉर्ड बन रहे हैं। साथ ही, सैकड़ों अरब डॉलर देश की तिजोरी में आ रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया ट्रुथ सोशल पर कहा कि अगर किसी अतिवादी वामपंथी कोर्ट ने इस वक्त टैरिफ के खिलाफ फैसला सुनाया तो इतनी बड़ी रकम और सम्मान को वापस पाना मुश्किल होगा। ट्रम्प ने चेतावनी दी कि ऐसा फैसला 1929 की तरह महामंदी ला सकता है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह तबाह हो जाएगी। ट्रम्प ने दावा किया कि वह कोर्ट सिस्टम को सबसे अच्छे से समझते हैं और इतिहास में कोई भी उनकी तरह चुनौतियों से नहीं गुजरा। चीन ने भारत पर लगे अमेरिकी टैरिफ की निंदा की वहीं, चीन ने भारत पर लगे अमेरिकी टैरिफ की निंदा की थी। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने गुरुवार को इसे “टैरिफ का दुरुपयोग” करार दिया। गुओ ने कहा- ‘चीन साफ तौर पर टैरिफ के गलत इस्तेमाल के खिलाफ है।’ उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका को तकनीकी और व्यापारिक मुद्दों का राजनीतिकरण बंद करना चाहिए। चीन का यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के उस एग्जीक्यूटिव ऑर्डर के जवाब में आया, जिसमें भारत पर रूसी तेल खरीदने की वजह से 25% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाया गया है। इससे पहले ट्रम्प ने भारत से ट्रेड डील पर बातचीत करने से इनकार कर दिया है। ट्रम्प ने कहा कि जब तक टैरिफ विवाद का हल नहीं निकल जाता, बातचीत शुरू नहीं होगी। अमेरिका में भी ट्रम्प के फैसले का विरोध इससे पहले मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि भारत से ट्रेड डील पर बातचीत के लिए अमेरिकी अधिकारियों का एक दल इसी महीने भारत आने वाला है। ट्रम्प भारत पर अब तक 50% टैरिफ लगाने का ऐलान कर चुके हैं। उन्होंने 30 जुलाई को 25% टैरिफ लगाया था, जो 7 अगस्त से लागू हो गया है। वहीं, 6 अगस्त को एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन कर भारत पर 25% टैरिफ और बढ़ा दिया है, जो 27 अगस्त से लागू होगा। अमेरिका में भी ट्रम्प के इस कदम की आलोचना हो रही है। हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के डेमोक्रेट्स ने चेतावनी दी कि यह कदम भारत-अमेरिका संबंधों को नुकसान पहुंचा सकता है। कमेटी के मेंबर ग्रेगरी मीक्स ने कहा, ‘ट्रम्प का यह टैरिफ फैसला भारत-अमेरिका के बीच रणनीतिक और आर्थिक संबंधों को कमजोर कर सकता है।’