श्री अकाल-तख्त साहिब ने सिख-सांसदों को पत्र भेजा:वीर बाल दिवस का नाम बदलकर साहिबजादे शहादत दिवस करने की मांग

श्री अकाल तख्त साहिब ने केंद्र सरकार द्वारा मनाए जाने वाले वीर बाल दिवस के नाम पर गंभीर आपत्ति जताते हुए इसे बदलकर आधिकारिक रूप से साहिबजादे शहादत दिवस करने की मांग उठाई है। अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज के आदेश के तहत सचिवालय ने यह विशेष पत्र देश की संसद में मौजूद सभी सिख सांसदों को भेजा है। इस पत्र में कहा गया है कि सिख समुदाय ने वर्ष 2022 से लगातार केंद्र सरकार के रखे नाम वीर बाल दिवस पर आपत्ति जताई है। संगत की ओर से अकाल तख्त साहिब तक बड़ी संख्या में पत्र पहुंचे हैं, जिनमें सरकार से इस नाम को बदलकर सिख भावनाओं के अनुरूप साहिबजादे शहादत दिवस रखने की मांग की गई है। 14 सिख सांसदों को भेजा गया पत्र यह पत्र लोकसभा और राज्यसभा के कुल 14 सिख सांसदों को भेजा गया है, जिनमें डॉ. अमर सिंह (फतेहगढ़ साहिब), गुरजीत सिंह (अमृतसर), हरसिमरत कौर बादल (बठिंडा), मलविंदर सिंह (आनंदपुर साहिब), सुखजिंदर सिंह (गुरदासपुर), विक्रमजीत सिंह (राज्यसभा), हरदीप सिंह पुरी (केंद्रीय मंत्री), हरभजन सिंह (राज्यसभा) सहित अन्य सांसद शामिल हैं। सांसदों से अपील की है कि वे संसद में इस मुद्दे को मजबूती से उठाएं अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार ने सभी सांसदों से आदेश है किया है के वे संसद में इस मुद्दे को मजबूती से उठाएं और केंद्र सरकार पर दबाव बनाकर इस दिन को साहिबजादे शहादत दिवस के रूप में घोषित करवाएं। पत्र के अंत में कहा गया है कि यह मांग केवल नाम बदलने की नहीं, बल्कि सिख इतिहास और भावनाओं के सम्मान की मांग है। अकाल तख्त सचिवालय ने बताया कि यह पत्र सभी सांसदों को उनकी आधिकारिक ई-मेल आईडी पर भेज दिया गया है।

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