सिटी रिपोर्टर | भिलाई अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) और शिक्षा मंत्रालय की नवाचार प्रकोष्ठ (एमआईसी) द्वारा स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन (एसआईएच) 2025 के आठवें संस्करण के ग्रैंड फिनाले में श्री शंकराचार्य टेक्निकल कैम्पस भिलाई के छात्रों ने प्रथम स्थान प्राप्त कर 1 लाख 50,000 रुपए का नगद पुरस्कार प्राप्त किया। यह छात्र केन्द्रित देश का सबसे बड़ा नवाचार महोत्सव था, जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय महत्व की वास्तविक समस्याओं के लिए तकनीकी समाधान विकसित करना है। संस्था के छात्रों ने विषय “मिनिस्ट्री ऑफ सोशल जस्टिस एंड एम्पावरमेंट” पर प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) को अधिक सक्षम, पारदर्शी और उत्तरदायी बनाने के लिए उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। टीम बाईटफोर्ज, जिसमें टीम लीडर रियांस कुमार सिंह तथा टीम सदस्य, आलोक गुप्ता, सुहानी कुमारी, प्रणिता पाखले, अथर्व गौराहा और विशु कुमार ठाकुर ने डॉ सोनु अग्रवाल के मार्गदर्शन में विषय के कार्यान्वयन के लिए उपयुक्त तौर-तरीकों का विकास किया। यह समस्या विवरण देश के सामाजिक न्याय तंत्र को अधिक सक्षम, पारदर्शी और उत्तरदायी बनाने से संबंधित था। श्री शंकराचार्य ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमेन एवं श्री शंकराचार्य विश्वविद्यालय के कुलाधिपति आई पी. मिश्रा ने छात्रों को बधाई देते हुए कहा हमारे विद्यार्थियों की यह उल्लेखनीय उपलब्धि संस्था की गुणवत्ता अनुशासन और नवाचार केन्द्रित शिक्षा प्रणाली का परिणाम हे. और हम भविष्य में भी ऐसे ही उत्कृष्ट प्रदर्शन की आशा करते हैं। संस्था की प्रेसिडेंट डॉ. जया मिश्रा ने कहा कि छात्रों की यह सफलता न केवल उनके कठिन परिश्रम का प्रमाण है, बल्कि एसएसटीसी की उस शैक्षणिक संस्कृति की पहचान भी है जो विद्यार्थियों को बड़े सपने देखने और उन्हें साकार करने की प्रेरणा देती है। हमारी संस्था की छात्राओं की टीम ने मैसुर में नवाचारी परियोजना प्रस्तुत की जिसे द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ। टीम का नेतृत्व कविता कुमारी ने किया, जबकि सदस्यों में अंकन पांडे, भारती साहू, सुमित्रा कुमारी, श्रियंशी सिन्हा और एस. नंदिनी शामिल थीं। टीम ने मेंटर डा सोमेश देवांगन के मार्गदर्शन में एक ऐसा सॉफ्टवेयर आधारित समाधान विकसित किया जो अंतरिक्ष अभियानों में ऊर्जा संरक्षण, संसाधनों के कुशल उपयोग और सुरक्षा को बढ़ाने में सक्षम है। संस्था के निदेशक डॉ. प्रताप बी. देशमुख ने सभी छात्रों को बधाई दी।


