संभल में 46 साल से बंद पड़े भगवान शिव के मंदिर को शनिवार को अचानक खोला गया। बिजली चोरी के खिलाफ छापेमारी के दौरान डीएम-एसपी को यह मंदिर दिखा। दोनों ने गेट खुलवाया और मंदिर की सफाई कराई। खग्गू सराय में बना यह मंदिर उस जामा मस्जिद से मात्र डेढ़ किमी दूर है, जहां पिछले दिनों हुई हिंसा में 4 युवकों की मौत हुई थी। इलाका मुस्लिम बहुल है। 1978 में संभल में हुए दंगे के बाद ज्यादातर हिंदू इस जगह से चले गए थे। ऐसे में मंदिर बंद रहता था। सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क का घर भी 200 मीटर दूर है। डीएम बोले- स्थानीय लोगों ने बताया कि मंदिर 400 साल पुराना
संभल डीएम राजेंद्र पैंसिया ने कहा- इस इलाके में बिजली चोरी ज्यादा होती है। टीम यहां आती नहीं थी। शनिवार को हम आए तो एक मंदिर देखा। बंद मंदिर को खुलवाया। यह जिस समाज का है उसे सौंप देंगे। मंदिर के तीन तरफ अतिक्रमण है। सिर्फ एक तरफ खाली था। स्थानीय लोगों ने दावा किया कि मंदिर करीब 400-500 साल पुराना है। मंदिर के पास ही एक कुआं मिला। इस पर रैंप बना दिया गया था। इसका अतिक्रमण हटवाया तो कुएं की बनावट मिली। 70 गज में बना हुआ है मंदिर
यह मंदिर मेन सड़क से करीब 500 मीटर गली में है। 70 गज में बना हुआ है। कुआं मंदिर के गेट से 10 कदम दूर है। मंदिर खुलने की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में हिंदू लोग पहुंच गए। मंदिर की साफ-सफाई के बाद पूजा-पाठ होगी। नगर हिन्दू महासभा के संरक्षक विष्णु शंकर रस्तोगी ने बताया- मेरी उम्र 82 साल है। मेरा जन्म इसी इलाके में हुआ। 1978 के दंगे के बाद हम पलायन कर गए। यहां हमारी आबादी नहीं रही। यह हमारे कुलगुरु भस्मा शंकर का मंदिर है। 1978 से यहां पुजारी नहीं आ पाया। उसकी हिम्मत नहीं पड़ती थी। एक कुआं था, जिसे भी पाट दिया गया। एसडीएम ने कहा- मंदिर के आसपास अतिक्रमण हुआ
एसडीएम वंदना ने बताया- स्थानीय लोगों ने बताया कि मंदिर के पास एक पीपल का पेड़ था, जिसे काट दिया गया। मंदिर के आसपास हुए अतिक्रमण के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। एडिशनल SP श्रीश चंद्र ने कहा- जांच के दौरान पता चला कि कुछ लोगों ने मंदिर पर मकान बनाकर अतिक्रमण कर लिया। अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस इलाके में हिंदू परिवार रहते थे और कुछ कारणों से उन्होंने यह इलाका छोड़ दिया। अब देखिए तस्वीरें… अब पढ़िए लोगों ने क्या कहा… इस खबर को लगातार अपडेट किया जा रहा है…