अमृतसर| प्रो. दरबारी लाल ने संसद में चल रहे कोहराम पर प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि संसद राष्ट्र के उज्जवल भविष्य के निर्माण का पवित्र सदन है। पिछले 10 दिनों से लोकसभा और राज्यसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष राष्ट्र की समस्याओं पर गंभीरता से विचार-विमर्श करने की बजाय आपस में विचारक गुत्थमगुथा हो रहे हैं। एक-दूसरे पर आरोप लगाकर मानसिक संतुष्टि हासिल कर रहे हैं। जबकि इस पर देश के लोगों के खून-पसीने से कमाए करोड़ों रुपए अनावश्यक बर्बाद हो रहे हैं। प्रजातंत्र में विपक्ष को सत्ता पक्ष की नीतियों पर विचार प्रगट करके उन्हें ठीक रास्ते पर लाने की जिम्मेदारी निभाता है। न की हर नीति पर विरोध के लिए विरोध करना न उचित है, न मुनासिब और न ही वाजिब है। प्रो. लाल ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर ठीक समय पर ठीक फैसला था, इससे न तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि खराब हुई है और न ही भारत की अस्मिता को कोई ठेस पहुुंची है।