16 जुलाई की शाम नगर निगम की ओर से एक फरमान जारी हुआ। फरमान था सड़क पर आवारा मवेशी दिखे तो उसे पकड़न का जिम्मा जोन कमिश्नरों का होगा। इसके लिए बाकायदा सभी जोन कमिश्नरों का नंबर जारी किया गया। लेकिन 15 दिनों में ही जिम्मेदार यह आदेश भूल गए।
ऐसा हम इसलिए कह रहे, क्योंकि शुक्रवार और शनिवार को भास्कर टीम ने शहर के अलग-अलग हिस्सों की पड़ताल की। पड़ताल के दौरान सड़कों पर मवेशी मिले, लेकिन उन्हें उठाने के लिए काऊ कैचर कहीं नजर नहीं आया। मौके से जब जिम्मेदारों को फोन लगाए गए तो किसी ने फोन नहीं उठाया और किसी ने कल कार्रवाई करने की बात कही। कुछ ने फोन उठाया और काऊ कैचर भेजने का आश्वासन दिया। जिम्मेदारी तो तय की, लेकिन जिम्मेदार ही भूलने लगे हैं काम… श्यामनगर से केनाल रोड
जोन कमिश्नर : विवेकानंद दुबे
श्याम नगर से केनाल लिंकिंग रोड पर मवेशियों का झुंड था। इसकी वजह से राहगीरों को परेशानी हो रही थी। संवाददाता ने जोन-10 कमिश्नर विवेकानंद दुबे को फोन लगाकर मवेशियों की वजह से परेशानी की जानकारी दी और काऊ कैचर भेजने कहा। जोन कमिश्नर ने तत्काल काऊ कैचर की टीम भेजने में असमर्थता जताते हुए कहा कि टीम अभी दूसरे रूट पर चली गई है। इसलिए रविवार को भेजेंगे। तेलघानी नाका, स्टेशन रोड
जोन कमिश्नर : डॉ. आरके डोंगरे
राठौर चौक से तेलघानी नाका चौक और वहां से स्टेशन रोड में मवेशी सड़क पर मौजूद थे। भास्कर संवाददाता ने दोपहर 2.29 बजे जोन-2 के कमिश्नर डॉ. आरके डोंगरे को फोन पर इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया काऊ कैचर की टीम अभी डब्ल्यूआरएस कॉलोनी में है। वहां कार्रवाई करने के बाद स्टेशन रोड पहुंचेगी। शाम 4 बजे के बाद भी काऊ कैचर गाड़ी लेकर कर्मचारी नहीं पहुंचे। खालसा स्कूल के सामने
जोन कमिश्नर : अरुण ध्रुव
खालसा स्कूल के सामने दोपहर को करीब पौने तीन बजे मवेशियों का झुंड खड़ा था। आने-जाने वाले लोगों को मवेशियों की वजह से दिक्कत हो रही थी। वहां पर खड़े होकर संवाददाता ने जोन-4 के कमिश्नर अरुण ध्रुव को फोन लगाया। कुछ-कुछ अंतराल में पांच-छह कॉल किए गए, लेकिन एक भी कॉल उन्होंने नहीं उठाया। संवाददाता करीब घंटेभर वहां खड़े रहे लेकिन जोन कमिश्नर का कॉल बैक नहीं आया। 15 दिन में 450 मवेशी पकड़े रायपुर नगर निगम ने पिछले 15 दिन में शहर के अलग-अलग इलाकों से 450 से ज्यादा मवेशियों को पकड़कर कांजी हाउस भेजा। निगम अफसरों के अनुसार मवेशी मालिकों के पहुंचने पर जुर्माना लेकर उन्हें सौंपा जा रहा है। साथ ही उन्हें दोबारा सड़क पर उन्हें छोड़ने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी जा रही है। सीधी बात – विश्वदीप, निगम कमिश्नर -व्यवस्था बनाई है, रोज कार्रवाई भी निगम का दावा है कि मवेशियों के खिलाफ लगातार अभियान चला रहे, फिर भी सड़कों पर मवेशी दिख रहे हैं
-निदान में मिलने वाली शिकायतों के आधार पर रोज कार्रवाई हो रही है। मवेशी पकड़कर कांजी हाउस में रखे जा रहे हैं।
सवाल : सड़क पर मवेशी दिखे तो जोन कमिश्नर जिम्मेदार होंगे, लेकिन वे फोन ही नहीं उठा रहे
-हमने व्यवस्था के लिए एक टीम बनाई है। किसी कारण से अफसर फोन नहीं उठा पाए होंगे। लेकिन बाद कार्रवाई हो रही है।
सवाल : क्या मवेशी मालिकों पर कार्रवाई की जा रही है
-हां, मवेशियों की टैगिंग की जा रही है। इसके लिए मवेशी मालिकों की पहचान कर रहे हैं। उनपर जुर्माना लगा रहे हैं। पुलिस वाले कॉलर बेल्ट भी लगा रहे। लगातार अभियान जारी है
^ मवेशियों के खिलाफ नगर निगम लगातार अभियान चला रहा है। रोज दस से 12 मवेशी पकड़कर कांजी हाउस ले जाए जा रहे हैं। मवेशी छुड़ाने के लिए आने वालों से जुर्माना लिया जा रहा है और उन्हें कड़े निर्देश भी दिए जा रहे हैं कि मवेशी को सड़कों पर ना छोड़ें।
मीनल चौबे, महापौर रायपुर