सतनामी समाज का राज्याभिषेक राजा मेला संपन्न:कुसमा में गुरु परंपरा और एकता का अद्भुत संगम दिखा

कोंडागांव के ग्राम कुसमा में 100वां सतनामी समाज स्थापना एवं गुरुद्वारा धर्मसभा संसद के तत्वावधान में शुक्रवार, 3 अक्टूबर को महान प्रतापी राजा गुरु बालकदास साहेब जी का एकादशीय राज्याभिषेक राजा मेला उत्साह और श्रद्धा के साथ संपन्न हुआ। इस ऐतिहासिक अवसर पर कोंडागांव विधायकलता उसेंडी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। विशिष्ट अतिथियों में सेवानिवृत्त डीएफओ के.के. खेलवार और नवोदय विद्यालय के प्राचार्य भगत दास चेलक सहित समाज के विभिन्न ग्रामों के प्रमुखगण शामिल हुए। कार्यक्रम का शुभारंभ राजा गुरु बालकदास साहेब जी के छायाचित्र पर दीप प्रज्वलन और माल्यार्पण से हुआ। इसकी अध्यक्षता प्रधान संयोजक धर्मचेला लखमूराम टंडन ने की। मेले में 137 ग्रामों से आए समाजजनों की बड़ी संख्या में उपस्थिति ने इसे भव्यता प्रदान की। समाज के लोगों ने एक स्वर में अपने गुरु की शिक्षाओं को अपनाने और समाज में एकता, सत्य तथा अहिंसा के संदेश को फैलाने का संकल्प लिया। लता उसेंडी ने कहा, परंपराओं को जीवित रखना आवश्यक है अपने उद्बोधन में विधायक लता उसेंडी ने कहा कि अपनी संस्कृति और परंपरा को जीवंत रखने के लिए ऐसे आयोजन अत्यंत आवश्यक हैं। उन्होंने आने वाली पीढ़ी को धर्म और समाज की गौरवशाली परंपराओं से जोड़ने को सच्ची सेवा बताया। उन्होंने गुरुद्वारा निर्माण और राजा मेला के लिए भूमि आबंटन का आश्वासन भी दिया। लखमूराम टंडन बोले- समाज की एकता ही सबसे बड़ी शक्ति प्रधान संयोजक लखमूराम टंडन ने कहा कि समाज की एकता ही उसकी सबसे बड़ी शक्ति है। उन्होंने बताया कि 100 ग्रामों के लोगों का एक साथ एक मंच पर आना इस बात का प्रतीक है कि सतनाम धर्म की जड़ें गहराई तक फैली हैं। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि यह राजा मेला पूरे भारतवर्ष में 57 परिसीमन क्षेत्रों में एक साथ मनाया गया और यह आयोजन का सातवां वर्ष था। मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी धूम रही। ओडिशा से आए घुमरा पंथी दल, शिव मिरी एवं साथी भजन मंडली तथा सुप्रसिद्ध लोक कलाकार भगत गुलेरी पामगढ़ की प्रस्तुतियों ने देर रात तक श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध रखा। राजा गुरु बालकदास साहेब की स्मृति में आयोजित यह राज्याभिषेक मेला केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं था, बल्कि यह सामाजिक एकता, संस्कृति और आत्मगौरव का उत्सव बन गया। इस आयोजन ने सतनाम धर्म की शिक्षाओं को नए उत्साह के साथ जन-जन तक पहुंचाया।

FacebookMastodonEmail

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *