सदर अस्पताल में बढ़ रहीं इलाज की सुविधाएं:मरीजों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए जी+7 नए भवन का विभाग से आग्रह

सदर अस्पताल में जैसे-जैसे इलाज की सुविधाएं बढ़ती जा रही हैं, वैसे-वैसे जगह की कमी होती जा रही है। कैंसर, गैस्ट्रो, न्यूरो-नेफ्रो, हेमेटोलॉजी, कार्डियोलॉजी, पीडियाट्रिक सर्जरी जैसे विभागों में बेहतरीन प्राइवेट डॉक्टर्स की सेवा के कारण नवंबर 2023 में शुरू हुआ 500 बिस्तरों वाला यह अस्पताल मरीजों से भर चुका है। नये भवन की जरूरत महसूस होने लगी है। इसे देखते हुए ​सिविल सर्जन डॉ. प्रभात कुमार ने स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर जी+7 मंजिला नए अस्पताल भवन के निर्माण का आग्रह किया है। पत्र में बताया गया है कि सदर अस्पताल में नई-नई सुविधाएं बढ़ाने के लिए जगह की कमी हो रही है, ऐसे में भवन निर्माण आवश्यक है। उन्होंने बताया है कि नए भवन के बनने के बाद उसे कैंसर, न्यूरो, नेफ्रो और ब्लड डिसऑर्डर्स के इलाज लिए अलग किया जाएगा। बोन मेरो ट्रांसप्लांट की पूरी यूनिट यहां शिफ्ट कर दी जाएगी। लोगों को यहां आइवीएफ की भी सुविधा मिलेगी। करीब और आधा दर्जन नए विभागों का संचालन हो सकेगा। इसमें हेपेटोलॉजी विभाग भी शामिल हैं। सरकारी स्तर पर सुविधा मिलने से लागत भी कम होगी और भरोसेमंद इलाज समय पर उपलब्ध होगा। मेडिकल कॉलेज की मान्यता संभव सदर अस्पताल में आईवीएफ यूनिट, बोन मैरो ट्रांसप्लांट और जेनेटिक लैब समेत दर्जनों सुपर स्पेशियलिटी सुविधाओं से मरीजों को बेहतर इलाज मिलेगा। इन उन्नत सेवाओं के आधार पर अस्पताल को मेडिकल कॉलेज की मान्यता मिल सकती है। जेनेटिक टेस्टिंग के लिए लैब सदर अस्पताल में जेनेटिक लैब की स्थापना से आनुवंशिक बीमारियों की सटीक पहचान संभव होगी। यह लैब कैंसर, दुर्लभ रोगों और जन्मजात विकारों की जांच में अहम भूमिका निभाएगी। नए भवन में होगा बोन मैरो ट्रांसप्लांट नए भवन में बोन मैरो ट्रांसप्लांट का पूरा सेटअप होगा, जो रक्त कैंसर, थैलेसीमिया और अन्य रक्त संबंधी बीमारियों के इलाज में अहम है। यह प्रक्रिया शरीर में स्वस्थ कोशिकाएं पुनः स्थापित करने के लिए की जाती है। इसके लिए दो दिन के भीतर डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट विभागों को सौंपी जाएगी। पेट सीटी मशीन लगाने की योजना सदर अस्पताल में कैंसर विभाग का विस्तार करते हुए पेट-सीटी स्कैन मशीन लगाने की योजना है। यह मशीन रिम्स में भी नहीं है। यह मशीन खासकर कैंसर की सटीक पहचान और स्टेजिंग के लिए बेहद जरूरी है। इस मशीन से शरीर में कैंसर सेल्स की गतिविधि और फैलाव का पता चलता है।

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