एनुअल फंक्शन – ‘सफरनामा (एक नए क्षितिज की ओर)’ बुधवार को रामबाग स्थित सुबोध पब्लिक स्कूल का 39 वां वार्षिकोत्सव बड़े ही हर्षोल्लास के साथ स्कूल के प्ले फील्ड पर मनाया गया। णमोकार मंत्र की शुरूआत के साथ, कक्षा 12वीं के विद्यार्थियों ने जीवन में हमेशा गतिमान और गतिशीलता बनाये रखने के लिये जीवन कौशल की महत्ता से सम्बन्धित एक प्रेरणास्पद प्रस्तुति देकर, सभी आगन्तुकों का स्वागत किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वी. के. सिंह, एडिशनल डायरेक्टर जनरल, ए.टी.एस. और एस.ओ.जी, राजस्थान सरकार रहे। सुबोध शिक्षा समिति के अध्यक्ष नवरत्न मल कोठारी, मान्द सचिव सुमेर सिंह बोथरा, वाईस प्रेसिडेन्ट आर.सी. जैन, संयुक्त सचिव और कोषाध्यक्ष विनोद लोढ़ा, विद्यालय संयोजक आलोक कुमार बग्ब और कार्यकारिणी सदस्यों ने परम्परागत तरीके से मुख्य अतिथि का स्वागत किया। मुख्य अतिथि ने इस अवसर पर एकेडमिक, कल्चरल, स्पोर्टस और वर्षपर्यन्त ऑलराउंड प्रदर्शन करने वाले सीनियर कैटेगरी के छात्र-छात्राओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। स्पोर्टस केटेगरी में सुबोध साहस का पुरस्कार वैभव शर्मा को दिया गया। वहीं सुबोध रचनात्मक का पुरस्कार कल्चरल एचिवमेन्टस के लिए अकक्षा श्रिवास्तव, एकेडमिक्स के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिये सुबोध रत्न का पुरस्कार आशिता जैन को और सबसे प्रतिष्ठित ऑल राउंडर का पुरस्कार काव्या शर्मा और लविशा जैन को दिया गया। वहीं अटल स्टूडेंट ऑफ द ईयर का अवॉर्ड रिशिता नैनवाया को दिया गया। वी के सिंह ने स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए कहा कि वे जीवन में हमेशा जीवन कौशल से ओत प्रोत मानवीय मूल्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दें और सभी के प्रति सम्मान का भाव रखें ताकि अपने लक्ष्यों को आसानी से प्राप्त कर सकें। रगांरगं सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘सफरनामा, एक नए क्षितिज की ओर…….थीम पर आधारित, ऑडियो विजुअल से ओतप्रोत कार्यक्रम में सर्वप्रथम प्ले ग्रुप के नन्हें मुन्हें छात्र-छात्राओं द्वारा दी गई प्रस्तुति ने सभी का ध्यान अपनी ओर आर्कषित किया। हमारे जीवन कौशल से हमारे आस-पास के वातावरण एवं उसके प्रति प्रेम भावना को दर्शाती नृत्य नाटिका. Gratitude के माध्यम से प्रकृति के प्रति हमारे प्रेम एवं उसकों सहेज कर रखने की मूल भावना से ओत-प्रोत प्रस्तुति ने सभी को प्रेरणा और संदेश देने का काम किया। वहीं प्रकृति एवं संस्कृति के मेल जोल का बढ़ाती एकात्मकता की भावना को प्रदर्शित करती हुई नृत्य लीला इन्टीग्रेशन सभी दर्शकों को पर्यावरण के प्रति संजिदगी से अपना योगदान देने को प्रेरित कर रही थी। हमारे शोर्य, बलिदान को समर्पित करती हुई नृत्य नाटिका-इमोशंस एंड ऐंपैथी हमारे परिवेश और परवरिश की परिचायक के रूप में एक संदेश देने का सटीक प्रयास करती हुई नजर आई। हम सब एक सफर करते है और इसमे अगर कृतज्ञता का भाव न हो तो सफरनामा कुछ अधूरा रहता है। संदेश यही की सफरनामा में स्वागत रहे चुनौतियों का संवाद बने रहना चाहिए। अपने आसपास के लोगो से और अपनों से, जब हम दूसरों के प्रति सहनशील होते है, तो सफरनामा खुशनुमा होता है स्वयं के लिए भी और अपने आसपास के समाज में। जीवन में संबाद कायम रखना कितना महत्वपूर्ण है, को प्रदर्शित करते हुए पार्टिसिपेन्ट्स अपने सुरों का साधनें, संगीत की आराधना करने और नृत्य के माध्यम से जीवन कौशल की ओर बढ़तें हमारे कदमों को सही लय-ताल के साथ जीवन की सच्चाई को बयां करते हुए नजर आएं। वहीं सम भाव से समाज के अन्तर्गत हर व्यक्ति की स्वीकारोक्ति और थर्ड जेन्डर के साथ-साथ दिव्यांग जनों के रिश्तों को नए तरीके से परिभाषित करने की एक जीवंत कोशिश की गई। जिसे सभी उपस्थित आगन्तुक और दर्शकों ने सराहा। अंत में जीवन कौशल हमारे जीवन को न केवल आगे बढ़ाने में सहायक है अपितु हमें हर एक दूसरे के प्रति आदर भाव, समभाव और स्वीकारोक्ति को अपनानें में मदद करती है, के साथ रंगारंग कार्यक्रम का राष्ट्रगान के साथ समापन हुआ। स्कूल प्रिंसिपल कमलजीत यादव ने स्कूल का वार्षिक प्रगति प्रतिवेदन पढ़कर स्कूल की विकास यात्रा पर प्रकाश डाला। शिक्षा समिति के अध्यक्ष नवरत्न मल कोठारी, मानद सचिव सुमेर सिंह बोथरा ने भी इस अवसर पर अपने आशीर्वचन से सभी का मार्ग निर्देशन किया। उल्लेखनिय है कि उक्त सांस्कृतिक कार्यक्रम में किसी भी प्रकार की प्रोफेशनल हैल्प नहीं ली गई। स्कूल के टीचर्स के निर्देशन में कास्टयूम डिजाइनिंग, मंच सज्जा, म्यूजिक, डॉस आदि किए गए। यहां देखें फोटोज