सरकारी काम ऐसे होता है…:ड्राइंग-डिजाइन अधूरी, जमीन का सीमांकन हुआ नहीं, विभाग ने वर्क ऑर्डर जारी किया

सरकारी काम में प्लानिंग और समन्वय की कमी कैसे होती है, इसकी बानगी रायपुर का रिंग रोड-2 स्थित बंगाली चौक है। वहां ओवरब्रिज बनाया जाना है। इसकी ड्राइंग-डिजाइन अभी अधूरी है। ओवरब्रिज के आस-पास कितनी प्राइवेट जमीन और कितनी सरकारी जमीन है। विभाग को इसकी जानकारी नहीं है, क्योंकि विभाग ने अभी तक जमीन का सीमांकन नहीं करवाया है। इसके साथ ही बिजली के तार भी शिफ्ट नहीं हुए हैं। विभाग की मानें तो इन प्रक्रियाओं को पूरी करने में करीब छह माह से अधिक का समय लगेगा। इसके अलावा मानसून भी दस्तक देने का तैयार है। इसके बावजूद पीडब्ल्यूडी ने ठेका एजेंसी को ओवरब्रिज के लिए कुल 13.5 करोड़ रुपए का टेंडर जारी किया है। विभाग ने वर्क आर्डर भी जारी कर दिया है। नियमानुसार वर्क ऑर्डर जारी होने के बाद ठेका एजेंसी को एक माह के भीतर निर्माण शुरू करना होता है। पीडब्ल्यूडी के अफसरों का कहना है कि सुशासन तिहार के चलते देरी हुई है, लेकिन जल्द ही सीमांकन करके भू-अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। बता दें कि बंगाली चौक के आस-पास सड़क के दोनों तरफ सर्विस लेन है। यह चौक पहले ब्लैक स्पॉट घोषित था। करीब डेढ़ लाख वाहनों को राहत मिल जाएगी लोक निर्माण विभाग को भनपुरी चौक से टाटीबंध तक तीन ओवरब्रिज बनाने हैं। इसमें जरवाय मार्ग बंगाली चौक, सरोरा चौक पर रिलायंस पेट्रोल पंप, रायपुर ओ‌वरपास हीरापुर चौक शामिल हैं। बंगाली चौक पर 23.89 करोड़ रुपए की लागत से फ्लाईओवर बनाया जाएगा। इसकी प्रस्तावित लंबाई 120.5 मीटर और चौड़ाई 24 मीटर है। विभाग इस प्रोजेक्ट पर पिछले दो साल से काम कर रहा है। पहला निर्माण टाटीबंध चौक से भनपुरी रोड के बीच रिंग रोड 2 जरवाय मार्ग बंगाली होटल के सामने शुरू करना है, क्योंकि शहर की यह ऐसी सड़क हैं, जिस पर ओवरब्रिज बन जाने से रोज गुजरने वाले लगभग डेढ़ लाख वाहनों को राहत मिलेगी। उन्हें जाम में नहीं फंसना होगा, क्योंकि इसी रोड से भाठागांव बस टर्मिनल और दुर्ग की तरफ से बिलासपुर तरफ की बसें चलती हैं। ट्रकों की भी आवाजाही लगातार होती है। बदलाव की संभावना से डिजाइन अधूरी
बंगाली चौक पर ओवरब्रिज निर्माण के लिए ड्राइंग-डिजाइन बन चुकी है। यह अधूरी हो सकती है, क्योंकि एजेंसी जब काम करने जाती है तो साइड पर जो दिखता है उस हिसाब से बदलाव होते हैं। फिर भी मैं इसे दिखवाता हूं।
अरुण साव, मंत्री पीडब्ल्यूडी

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