भोपाल के बैरागढ़ इलाके में रहने वाले कांग्रेस नेता हरीश ज्ञान चंदानी के भाई हीरो ज्ञान चंदानी से मारपीट के आरोपी रमेश हिंगोरानी ने गुरुवार को कोर्ट में सरेंडर कर दिया। आरोपी ने न्यायधीश अरुणेंद्र प्रताप सिंह की कोर्ट में समर्पण किया। कोर्ट ने आरोपी के जमानत आवेदन को सुरक्षित रख लिया है। जिस पर शुक्रवार को सुनवाई होगी। कोर्ट ने आरोपी रमेश को न्यायिक हिरासत में भोपाल सेंट्रल जेल भेज दिया है। हीरो ज्ञान चंदानी ने दिसंबर महीने में बैरागढ़ थाने में रमेश, उसके बेटे योगेश तथा नीलेश पर मारपीट और अड़ीबाजी की एफआईआर दर्ज कराई थी। नीलेश और योगेश को पूर्व में कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। बता दें कि आरोपियों पर गांधी नगर थाने में अवैध रूप से पिस्टल रखने का केस भी दर्ज है। रमेश पूर्व में तकनीकी शिक्षा विभाग में बतौर क्लर्क पदस्थ थे। पहले भी सुर्खियों में रहा सरकारी बाबू योगेश के पिता रमेश हिंगोरानी की उम्र 57 साल है। 16 अक्टूबर 2024 को लोकायुक्त की रेड के बाद इनका नाम एकदम से सुर्खियों में आ गया। वजह ये रही कि एक अदने से सरकारी बाबू के पास करोड़ों की प्रॉपर्टी मिलना किसी के गले नहीं उतर रहा था। कार्रवाई रमेश के घर समेत उनसे संबंधित चार अन्य ठिकानों पर हुईं। इसमें 70 लाख रुपए का एक किलो से ज्यादा सोना, 55 हजार रुपए की एक किलो से ज्यादा चांदी, 12 लाख 17 हजार रुपए कैश जब्त किए गए। यानी कुल मिलाकर पौन करोड़ रुपए का हिसाब-किताब मिला। गाड़ियों और मकान का हिसाब अलग है। इसके साथ ही प्रॉपर्टी से जुड़े दस्तावेज भी बरामद किए गए थे। रमेश पर सिंधी समाज की एक संस्था के स्कूल पर अवैध रूप से कब्जा करने के भी आरोप हैं। लोकायुक्त को सर्चिंग के दौरान गांधी नगर स्थित स्कूल से एक अवैध पिस्टल मिली थी। कार्रवाई के बाद उन्हें तकनीकी शिक्षा विभाग से हटाकर सीहोर पॉलिटैक्निक कॉलेज में पदस्थ कर दिया गया था। बेटा बोला- शिकायत की थी, इसलिए झूठा केस दर्ज कराया रमेश के बेटे नीलेश ने बताया कि हीरो ज्ञानचंदानी पर हमने कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज करा रखे हैं। इसी का बदला लेने की नीयत से बैरागढ़ थाने में सांठ-गांठ कर तीन महीने पहले हम पर केस दर्ज कराया गया। इस मामले में मुझे और भाई को पहले जमानत मिल चुकी है।