सरगुजा संभाग में मौसम साफ होते ही ठंड का असर दिखने लगा है। उत्तरी शीतलहरों के कारण प्रदेश में सर्वाधिक ठंड सरगुजा संभाग में पड़ रही है। मैनपाट में बुधवार को न्यूनतम तापमान 3 डिग्री दर्ज किया गया। संभाग के मैनपाट, सामरीपाट, सोनहत और जशपुर के पंड्रापाट में ओस की बूंदे जमने लगी हैं। अंबिकापुर में न्यूनतम तापमान 6.9 डिग्री दर्ज किया गया है। सरगुजा संभाग में नवंबर महीने में ठंड ने दो दशकों का रिकार्ड तोड़ दिया। फेंगल तूफान और पश्चिमी विक्षोभ के असर से बादल छाने के कारण ठंड से राहत मिली। सोमवार सुबह संभाग में छिटपुट बारिश के बाद मौसम साफ होने लगी। मंगलवार को पश्चिमी विक्षोभ का असर कम होते ही उत्तरी शीतलहरों ने फिर से कड़ाके की ठंड की वापसी कर दी। उत्तरी सर्द हवाओं के कारण न्यूनतम तापमान में गिरावट आई है। दो दिनों में पांच डिग्री गिरा न्यूनतम तापमान उत्तरी सर्द हवाओं के कारण मैदानी इलाकों में दो दिनों में ही न्यूनतम तापमान करीब 5 डिग्री गिर गया है। सोमवार को अंबिकापुर का न्यूनतम तापमान 12.5 डिग्री दर्ज किया गया था। मंगलवार को अंबिकापुर का न्यूनतम तापमान गिरकर 9.7 डिग्री पहुंच गया। वहीं, बुधवार सुबह न्यूनतम तापमान 6.9 डिग्री दर्ज किया गया। मैनपाट में मंगलवार को न्यूनतम तापमान 6.2 डिग्री दर्ज किया गया था। बुधवार को न्यूनतम तापमान 3 डिग्री दर्ज किया गया। पाट इलाके में पाला, मैदानी इलाकों में भी ठिठुरन सर्द हवाओं के असर से पाट इलाकों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। सरगुजा के मैनपाट, बलरामपुर जिले के सामरीपाट, जशपुर जिले के पंड्रापाट और कोरिया जिले के सोनहत में बुधवार सुबह पाले की चादर घास और पुआल में जमी दिखी। यह सीजन का पहला पाला है। तेज हवाओं के कारण पाले कम पड़े हैं। हवाओं का असर कम होते ही पाला ज्यादा पड़ेगा। कड़ाके की ठंड, नहीं बदला स्कूलों का समय सरगुजा संभाग में कड़ाके की ठंड को देखते हुए बलरामपुर और एमसीबी जिलों में नवंबर महीने में ही सुबह की पाली के स्कूलों का समय बदल दिया गया था। वहीं, सरगुजा सहित अन्य जिलों में अब भी सुबह की पाली के स्कूलों का समय नहीं बदला गया है। इसके कारण बुधवार सुबह भी ठंड से ठिठुरते हुए बच्चे स्कूलों में पहुंचे। कड़ाके की ठंड का असर बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है। बच्चे बीमार हो रहे हैं। निकाय क्षेत्रों में नवंबर के अंतिम सप्ताह में कड़ाके की ठंड को देखते हुए अलाव की व्यवस्था की गई थी। दिसंबर के पहले सप्ताह में ठंड कम हुई तो अलाव की व्यवस्था को बंद कर दिया गया। जारी रहेगा शीतलहरों का असर मौसम वैज्ञानी एएम भट्ट ने बताया कि, सरगुजा संभाग में नवंबर में ही शीतलहरों की स्थिति बनी थी। पश्चिमी विक्षोभ और तूफान के असर से उत्तरी सर्द हवाओं पर ब्रेक लगा था। न्यूनतम तापमान बढ़ा था। विक्षोभों के बंद पड़ने से उत्तरी सर्द हवाओं का प्रवेश होने लगा है। इस कारण फिर से न्यूनतम तापमान गिरा है। सर्द हवाओं का असर जारी रहेगा। संभाग में बुधवार को दर्ज न्यूनतम तापमान अंबिकापुर में दर्ज न्यूनतम तापमान