सरगुजा-बिलासपुर समेत 7 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट:बिजली गिरने की आशंका; 2 दिनों से धीमा पड़ा मानसून, सबसे ज्यादा बलरामपुर में बरसा पानी

छत्तीसगढ़ में रविवार को 7 जिलों में भारी बारिश और बिजली गिरने का यलो अलर्ट जारी किया है। इनमें बिलासपुर, जीपीएम, कोरिया, सुरजपुर, बलरामपुर, जशपुर और सरगुजा जिला शामिल है। वहीं अन्य जिलों में मौसम सामान्य रहेगा। उत्तरी हिस्से को छोड़ बाकी हिस्सों में अगले 5 दिन तक मानसून की रफ्तार धीमी रहेगी। शनिवार को प्रदेश भर में औसत 6.5 MM बारिश ही दर्ज की गई है। वहीं शुक्रवार को ये आंकड़ा 12.2 MM था। यानी पिछले दो दिनों से मानसून की तीव्रता कम हुई है। बलरामपुर जिले में सबसे ज्यादा बारिश ओवरआल बात करें तो 1 जून से अब तक 364.1 MM औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। अब तक बलरामपुर जिले में सर्वाधिक 540.3 MM बारिश हुई है। बेमेतरा जिले में सबसे कम 176.4 MM बारिश दर्ज हुई है। अलग-अलग जिलों में बारिश का हाल 1 जून से अब तक सरगुजा में 275.9 मि.मी., सूरजपुर में 451.7 मि.मी., जशपुर में 474.8 मि.मी., कोरिया में 398.6 मि.मी. और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 354.4 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। रायपुर जिले में 343.9 मि.मी., बलौदाबाजार में 348.3 मि.मी., गरियाबंद में 318.1 मि.मी., महासमुंद में 333.7 मि.मी. और धमतरी में 322.7 मि.मी. औसत बारिश दर्ज हुई है। बिलासपुर में 387.1 मि.मी., मुंगेली में 254.7 मि.मी., रायगढ़ में 519.7 मि.मी., सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 363.8 मि.मी., जांजगीर-चांपा में 491.4 मि.मी., सक्ती में 422.6 मि.मी., कोरबा में 464.8 मि.मी. और गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही 368.0 मि.मी. औसत वर्षा रिकॉर्ड हुई है। दुर्ग जिले में 303.7 मि.मी., कबीरधाम में 258.0 मि.मी., राजनांदगांव में 298.1 मि.मी., मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में 484.3 मि.मी., खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 245.9 मि.मी., बालोद में 380.4 मि.मी. और बस्तर जिले में 436.7 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। कोंडागांव में 263.1 मि.मी., कांकेर में 366.8 मि.मी., नारायणपुर में 315.7 मि.मी., दंतेवाड़ा में 397.2 मि.मी., सुकमा में 209.3 मि.मी. और बीजापुर में 444.2 मि.मी. औसत बारिश दर्ज की जा चुकी है। उफनती नदी में फंसा युवक वहीं सूरजपुर जिले के प्रतापपुर में उफनती बाकी नदी में एक युवक बह गया। पुलिस और स्थानीय लोगों ने कड़ी मशक्कत के बाद उसे बचा लिया। युवक चाचीडांड गांव के पास डूब रहा था। शांति नगर स्थित बाकी नदी के पुल से रस्सी फेंककर उसे बचाने की कोशिश की गई। इसके बाद, बांस और रस्सी की मदद से उसे सुरक्षित बाहर निकाला गया। बचाए गए युवक की पहचान जगन्नाथपुर निवासी विनय टोप्पो (19) के रूप में हुई है। उसे तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रतापपुर ले जाया गया। बाद में उसे उसके परिजनों को सौंप दिया गया। युवक सुरक्षित है। छत्तीसगढ़ के अलग-अलग हिस्सों से बारिश की तस्वीरें… बारिश के बाद झरनों की सुंदरता तस्वीरों में देखिए लंबा रह सकता है मानसून मानसून के केरल पहुंचने की सामान्य तारीख 1 जून है। इस साल 8 दिन पहले यानी 24 मई को ही केरल पहुंच गया था। मानसून के लौटने की सामान्य तारीख 15 अक्टूबर है। अगर इस साल अपने नियमित समय पर ही लौटता है तो मानसून की अवधि 145 दिन रहेगी। इस बीच मानसून ब्रेक की स्थिति ना हो तो जल्दी आने का फायदा मिलता सकता है। जानिए इसलिए गिरती है बिजली दरअसल, आसमान में विपरीत एनर्जी के बादल हवा से उमड़ते-घुमड़ते रहते हैं। ये विपरीत दिशा में जाते हुए आपस में टकराते हैं। इससे होने वाले घर्षण से बिजली पैदा होती है और वह धरती पर गिरती है। आकाशीय बिजली पृथ्वी पर पहुंचने के बाद ऐसे माध्यम को तलाशती है जहां से वह गुजर सके। अगर यह आकाशीय बिजली, बिजली के खंभों के संपर्क में आती है तो वह उसके लिए कंडक्टर (संचालक) का काम करता है, लेकिन उस समय कोई व्यक्ति इसकी परिधि में आ जाता है तो वह उस चार्ज के लिए सबसे बढ़िया कंडक्टर का काम करता है। जयपुर में आमेर महल के वॉच टावर पर हुए हादसे में भी कुछ ऐसा ही हुआ। आकाशीय बिजली से जुड़े कुछ तथ्य जो आपके लिए जानना जरूरी आकाशीय बिजली से जुड़े मिथ

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