सूरजपुर जिले की प्रसूता को जिला अस्तपाल में डॉक्टर नहीं मिले। उसे नर्सों ने अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया। प्रसूता को अंबिकापुर लाने के दौरान रास्ते में असुरक्षित प्रसव हो गया। प्रसव के बाद बच्चे की मौत हो गई। मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल पहुंचने पर चिकित्सकों ने प्रसूता को भी मृत घोषित किया। जानकारी के मुताबिक, सूरजपुर जिले के लाछा निवासी कविता सिंह (38 वर्ष) पति आदित्य सिंह 9 माह की प्रेग्नेंट थी। सोमवार शाम प्रसव पीड़ा होने पर परिजन उसे निजी वाहन से लेकर सूरजपुर हॉस्पिटल पहुंचे। सूरजपुर में कोई डॉक्टर उपलब्ध नहीं थे। नर्सों ने कुछ देर प्रसव का इंतजार किया, फिर उसे स्लाइन लगाया और तत्काल अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज ले जाने के लिए कहा। रास्ते में प्रसव, मां, बच्चे दोनों की मौत
परिजन कविता सिंह को एम्बुलेंस से लेकर अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर आ रहे थे। रास्ते में ही कविता सिंह का प्रसव हो गया। प्रसव के बाद बच्चे की मौत हो गई। परिजन प्रसूता को लेकर अंबिकापुर हॉस्पिटल पहुंचे, जहां जांच के बाद चिकित्सकों ने उसे भी मृत घोषित कर दिया। मृतिका के पति आदित्य ने बताया कि 8 दिसंबर की रात को कविता सिंह के पेट में दर्द होने पर उसे लेकर वे हॉस्पिटल पहुंचे थे। सूरजपुर हॉस्पिटल में डॉक्टर नहीं थे, जिसके कारण उसे वहां से रेफर कर दिया गया। यदि सूरजपुर में डॉक्टर होते तो दोनों की जान बच सकती थी। मृत अवस्था में लाए गए थे हॉस्पिटल
मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के MCH गायनिक वार्ड की HOD डा. अविनाशी कुजूर ने बताया कि प्रसूता को 9 दिसंबर की सुबह 4.30 बजे सूरजपुर जिला अस्पताल से रेफर किया गया था। मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में उन्हें 6.50 बजे सुबह लाया गया था। डॉक्टर ने जांच की तो उनका पल्स, बीपी नहीं था। डा. कुजूर ने बताया कि परिजनों के अनुसार रास्ते में एम्बुलेंस में उनकी डिलीवरी हुई थी। इस दौरान उनकी मौत हो गई।


