सरायकेला-खरसावां जिले के नीमडीह प्रखंड में हाथियों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। क्षेत्र में 16 हाथियों के एक झुंड के साथ एक अकेला ट्रस्कर हाथी सक्रिय है, जिसने गांवों में भारी तबाही मचाई है। सबसे ज्यादा नुकसान तिल्ला पंचायत के कुशपुतुल गांव में हुआ है, जहां ट्रस्कर हाथी ने छह घरों को पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। हाथी ने घरों में घुसकर अनाज, चावल और आलू खा लिए। इसके अलावा कई घरों की मशीनें और दरवाजे भी तोड़ दिए। इस हमले में पूर्व मंत्री घनश्याम महतो की पत्नी बाल-बाल बच गईं। गांव के लोगों के अनुसार, ट्रस्कर हाथी बेहद आक्रामक था और उसने फलदार पेड़ों और फसलों को भी नुकसान पहुंचाया। इस हमले से ग्रामीणों को लगभग एक लाख रुपए की संपत्ति का नुकसान हुआ है। माइकिंग कर वन विभाग कर रहा अलर्ट वन विभाग की टीम चांडिल वन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कुशपुतुल, लायाडीह, तिल्ला, सिमा, गुंडा और जामडीह गांवों में माइकिंग कर लोगों को सतर्क कर रही है। हालांकि ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग केवल माइकिंग और पटाखे छोड़ने तक ही सीमित है। दलमा सेंचुरी में भोजन और पानी की कमी के चलते हाथियों का यह झुंड ईचागढ़ क्षेत्र में आ गया है, जिससे ग्रामीणों की मुसीबतें और बढ़ गई हैं। स्थानीय लोग वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार, एक साल से अधिक समय बीत जाने के बावजूद उन्हें मुआवजा नहीं मिला है। कई पीड़ित परिवारों का कहना है कि उन्हें कोई आर्थिक सहायता या पुनर्वास नहीं दिया गया है। ग्रामीणों ने दी है आंदोलन की चेतावनी ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द मुआवजा नहीं दिया गया तो वे आंदोलन करेंगे। लगातार बारिश और हाथियों के हमलों के कारण इलाके में दहशत का माहौल बना हुआ है और लोग रातें जागकर गुजारने को मजबूर हैं।