सरिस्का टाइगर रिजर्व और पांडुपोल हनुमान मंदिर क्षेत्र में इलेक्ट्रिक बस चलाने की तैयारी की जा रही है। इधर, सुओ-मोटो रीट (सिविल) को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई होगी। इससे पहले 18 सितंबर को हुई सुनवाई में राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी (सीईसी) की सभी शर्तों को मानने के संबंध में हलफनामा दिया था। सीईसी ने 31 मार्च 2025 के बाद सरिस्का में निजी वाहनों के प्रवेश पर पूर्णतया रोक लगाकर इलेक्ट्रिक बस संचालन के लिए कहा था। इस पर राज्य सरकार ने हलफनामें में इनके संचालन करने की बात कही लेकिन 6 माह का अतिरिक्त समय मांगा है। कमेटी के शर्तों के अनुसार बसों का संचालन होगा कमेटी के शर्तों के अनुसार सरिस्का में इलेक्ट्रिक बसों का ही संचालन किया जाना है। जिसकी शुरुआत करने के लिए ट्रायल कियाग या है। इसके ट्रायल के लिए एक 14 सीटर इलेक्ट्रिक बस सरिस्का मुख्यालय लाई गई। सरिस्का बाघ परियोजना के उप वन संरक्षक अभिमन्यु सहारण सरिस्का सदर गेट से पांडुपोल तक स्थानीय स्टाफ के साथ बस में बैठे। इसमें करीब 3 घंटे का समय लगा। यह मिनी बस एक बार चार्ज होने में 60-70 किमी तक चल सकती है। जिस फर्म से मिनी ई-बस मंगाई गई वह संचालन के बाद लागत और किराया निर्धारण के लिए विस्तृत रिपोर्ट सौपेंगी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार ई-बसों संचालन के लिए निर्णय लिया जाएगा। कुछ सिफारिशों को लागू करने के लिए मांगा अतिरिक्त समय सीईसी ने सरिस्का-टहला स्टेट हाइवे 29 ए के डिनोटिफिकेशन करने की बात कही थी। इसे 7 सितंबर को डिनोटिफाइड किया जा चुका है। इसके अलावा स्टेट हाइवे नंबर 13 पर कुशालगढ़ तिराहा से थैक्यू बोर्ड तक के 18 किमी में कॉमर्शियल वाहनों के प्रवेश पर रोक संबंधी आदेश भी जारी किए जा चुके हैं। सीईसी की सिफारिशों पर मार्च 2026 तक एक नई बाघ संरक्षण योजना लागू करने के लिए ग्लोबल टाइगर फोरम ने काम करना शुरू कर दिया है। सिलीबेरी गेट से वाहनों के प्रवेश पर बैन लगाने पर कार्य शुरू किया है। इसके अलावा सभी अन्य सिफारिशों को भी मानने की बात कही है लेकिन कुछ सिफारिशों को लागू करने में अतिरिक्त समय की मांग की है। सरिस्का टाइगर रिजर्व में अभी 43 बाघ
सरिस्का में 2 महीने पहले टाइग्रेस ST-17 ने तीन शावकों को जन्म दिया। इसके बाद सरिस्का में कुल 43 बाघ हो चुके हैं। 19 साल पहले सरिस्का बिना बाघों के हो गया था। करीब 3 साल बाद 2008 में बिना बाघ के रहने के बाद यहां रणथम्भौर से एसटी 1 लेकर आए थे। एसटी-1 के बाद यहां 2022 तक कुल 11 टाइगर को शिफ्ट किया गया था। इनमें ST- 1 से ST- 6 तक, ST- 9 , ST- 10, ST- 16, ST- 29 और ST-30 को रणथम्भौर से यहां लाया गया। सरिस्का टाइगर रिजर्व 1978-79 में घोषित हुआ था। इसमें जंगल का एरिया 882 वर्ग किलोमीटर है। उस समय यहां बाघों की संख्या करीब 40 से 44 थी, जो धीरे-धीरे ये संख्या घटती गई। मई 2004 में सरिस्का में टाइगर की गणना की गई तो 6 से 7 टाइगर बताए गए। जब इसकी जांच की गई तो सामने आया कि टाइगर के अंगों की तस्करी हुई है और इनके अंग चीन-ताइवान तक बेचे गए थे। सरिस्का में टाइगर का शिकार करने वाले आरोपी संसारचंद्र को गिरफ्तार किया गया था। –