पंजाब पुलिस की कोरोना वॉरियर रहीं लेडी इंस्पेक्टर अर्शप्रीत कौर ग्रेवाल को 9 महीने पहले विभाग ने सस्पेंड कर दिया था लेकिन अब कोर्ट ने अर्शप्रीत को भगौड़ा करार दे दिया है। मोगा जिले के थाना कोट इसे खां में जब अर्शप्रीत बतौर एसएचओ तैनात थी तो उन पर 5 लाख रुपए लेकर नशा तस्करों को छोड़ने के गंभीर आरोप हुए है। इस मामले में उसके साथ 2 मुंशियों को भी सस्पेंड करके उनके खिलाफ भी केस दर्ज किया हुआ है। इस केस की DSP ने जांच की थी। जिसमें पता चला कि लेडी SHO ने दोनों मुंशियों के साथ मिलकर 3 नशा तस्करों को पकड़ा। फिर उन्हें 5 लाख रुपए की रिश्वत लेकर छोड़ दिया। अर्शप्रीत की अग्रिम जमानत याचिका रद्द हो चुकी है। केस दर्ज होने के 9 महीने बाद भी सस्पेंड महिला पुलिस अधिकारी अदालत पेश नहीं होने के चलते भगोड़ा घोषित किया है। थाना कोटइसे खां में अर्शप्रीत कौर के खिलाफ धारा 209 के तहत केस दर्ज किया है। कोरोना काल में फ्रंटलाइन वॉरियर के रूप में हुई थी मशहूर आरोपी महिला SHO कोरोना काल में फ्रंटलाइन वॉरियर के रूप में मशहूर हुई थी। ग्रेवाल को कोरोना हो गया था, लेकिन वह इससे ठीक होकर लौट आईं थी। हालांकि कोरोना ग्रस्त होने के बाद तत्कालीन CM कैप्टन अमरिंदर ने वीडियो कॉल पर उसका उत्साह भी बढ़ाया था। इस मामले में एसएसपी मोगा अजय गांधी ने कहा कि अभी वह किसी जरूरी मीटिंग में व्यस्त है। जल्द ही डीएसपी रेंक के अधिकारी इस मामले में जानकारी देंगे। अब पढ़िए ये था पूरा मामला
SHO ने नाके पर नशा तस्कर पकड़े थे
मोगा के DSP रमनदीप सिंह की ओर से कोट इसे खां थाने में दर्ज कराई FIR के मुताबिक, कोट इसे खां थाने में तैनात SHO अर्शप्रीत कौर ग्रेवाल ने 1 अक्टूबर को नाके पर एक नशा तस्कर को पकड़ा। उसका नाम अमरजीत सिंह था। वह कोट इसे खां में दातेवाला रोड का रहने वाला था। तलाशी के दौरान आरोपी से 2 किलो अफीम बरामद हुई। इस कार्रवाई में SHO अर्शप्रीत कौर के साथ कोट इसे खां थाने के मुंशी गुरप्रीत सिंह और बालखंडी चौकी के मुंशी राजपाल सिंह भी शामिल थे। इन्होंने जब आरोपी से पूछताछ की तो पता चला कि उसके साथ नशे की तस्करी में उसका बेटा गुरप्रीत सिंह और भाई मनप्रीत सिंह भी शामिल थे। कोरोना काल में चर्चा में आई थीं अर्शप्रीत कौर
SHO अर्शप्रीत कौर कोरोना काल में चर्चा में आई थीं। वह लुधियाना के थाना बस्ती जोधेवाल और डिवीजन नंबर 2 में बतौर SHO काम कर चुकी हैं। कोविड को दौरान भी वह लुधियाना में ही पोस्टेड थीं। वह कोविड के दौरान लोगों की सेवा में लगी थीं। लोगों को कोविड से लड़ने के लिए प्रेरित कर रही थीं। इस दौरान वह खुद भी कोरोना से इंफेक्टेड हुईं। वह कुछ समय आइसोलेशन में रही और ठीक हो गईं। इस दौरान अर्शप्रीत से खुद तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने वीडियो कॉल पर बातचीत की थी। मुख्यमंत्री से वीडियो कॉल पर बात करने वाली पहली SHO
कैप्टन ने उन्हें कोविड से लड़ने के लिए प्रेरित किया था। सोशल मीडिया पर अर्शप्रीत और कैप्टन अमरिंदर सिंह की कोविड समय की वीडियो कॉल काफी चर्चा में रही थी। वह पहली SHO हैं, जिससे किसी मुख्यमंत्री ने इस तरह वीडियो कॉल पर बात की हो। उस समय के DGP दिनकर गुप्ता ने पंजाब पुलिस की तरफ से अर्शप्रीत कौर के नाम से पोस्ट भी शेयर किया था, जिसमें उनका उदाहरण देते हुए DGP ने लोगों को कोविड से न डरने के लिए कहा। उस समय गायक एमी विर्क सहित कई कलाकारों ने अर्शप्रीत के कोविड पॉजिटिव होने के बाद उनका हौसला बढ़ाया था।