सहकारी बैंक मैनेजर को 3 साल की सजा:बकरी पालन योजना में ग्रामीण से मांगी रिश्वत; फोन रिकार्डिंग के आधार पर हुई सजा

बुरहानपुर कोर्ट ने खकनार के तत्कालीन सहकारी बैंक मैनेजर को बकरी पालन योजना के लोन, अनुदान के भुगतान के लिए रिश्वत मांगने के मामले में सजा सुनाई है। लोकायुक्त इंदौर में दर्ज इस मामले में विशेष न्यायाधीश सूर्य प्रकाश शर्मा के न्यायालय ने आरोपी लखनलाल कैथवास को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 के तहत 3 साल की सजा और कुल 5000 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। यह है पूरा मामला जिला लोक अभियोजन अधिकारी कैलाशनाथ गौतम ने बताया कि फरियादी किशोर जयकर ने लोकायुक्त कार्यालय इंदौर में शिकायत की थी कि। शिकायत में बताया कि उसने ग्राम उदय से भारत उदय योजना के तहत बकरी पालन के लिए लोन लेने के लिए प्रक्रिया की। इसमें 77,456 रूपए की योजना होकर उसमें 50 प्रतिशत अनुदान और शेष बैंक ऋण था। जिसे स्वीकृत कराकर सहकारी समिति खकनार में प्रस्तुत किया था। उसने बताया कि काफी समय से स्‍वीकृत राशि बैंक के खाते में पड़ी थी। इसे लेकर फरियादी आरोपी लखनलाल से मिला तो उसने बैंक से अनुदान, ऋण राशि निकालने के लिए 4000 रुपए की रिश्वत की मांग की थी। लोकायुक्त ने इस शिकायत पर कार्रवाई करते हुए आरोपी की रिश्वत की मांग की रिकॉर्डेड आवाज के आधार पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की। फोन रिकार्डिंग के आधार पर आरोपी को हुई सजा इसके बाद आगे कार्रवाई करते हुए नोटों पर पाउडर लगाकर फरियादी को आरोपी के पास राशि देने के लिए भेजा था। लेकिन, आरोपी को लोकायुक्त कार्रवाई की भनक लगने पर उसने रिश्वत की राशि स्वीकार नहीं की। लोकायुक्त ने रिश्वत की मांग की रिकॉर्डिंग के आधार पर कार्रवाई कर आरोपी की आवाज का मिलान आदि एफएसएल से कराया गया। विवेचना कर प्रकरण न्यायालय में पेश किया गया। प्रकरण में लोकायुक्त संगठन इंदौर के निरीक्षक राहुल गजभिये ने प्रारम्भिक विवेचना की। इसके बाद फोन रिकार्डिंग के आधार पर आरोपी को सजा हुई।

FacebookMastodonEmail

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *