भास्कर न्यूज | जालंधर पुलिस लाइन में अधिकारियों के लिए आयोजित विचार-मंथन सत्र में डीजीपी गौरव यादव मंगलवार बाद दोपहर 3:30 बजे पहुंचे। करीब एक घंटे तक चले सेशन में विभिन्न पुलिस स्टेशनों द्वारा अपनाए गए अनुभव साझा करने और अपराध समाधान पर चर्चा की गई। सीपी स्वप्न शर्मा ने कहा कि हमने सिटी में तीन सेल बनाए हैं। इनका काम केवल क्रिमिनल, गैंगस्टर और नशे के सौदागर पकड़ना है। इनसे और कोई ड्यूटी नहीं करवाई जाती। इसके नतीजे अच्छे आ रहे हैं। कोई क्राइम होता भी है तो सेल तुरंत हरकत में आते हैं और अपराधी पकड़ने में अहम भूमिका निभाते हैं। उन्होंने ‘सहयोग’ प्रोजेक्ट को लेकर कहा कि पब्लिक सीधे पुलिस से जुड़ गई है। सिटी में कोई छोटा क्राइम होता है तो पब्लिक पुलिस का सहयोग का इनपुट शेयर कर रही है। डीआईजी नवीन सिंगला ने कहा कि जघन्य अपराध को अंजाम देने वाले 300 से ज्यादा अपराधी पकड़े हैं। डीजीपी ने 20 मिनट तक फोर्स से उनके अनुभव सुने। ‘सहयोग’ प्रोजेक्ट की तारीफ करते हुए डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि राज्यभर में इसे लागू किया जा रहा है। इससे पुलिस सीधे पब्लिक से जुड़ रही है। डीजीपी ने कहा कि अपराधी कितना बड़ा हो, उससे सख्ती से निपटा जाना चाहिए। शरीफ नागरिक जब पुलिस से मिले तो उसे मिलकर खुशी हो। डीजीपी ने कहा कि फोर्स पूरी ईमानदारी से ड्यूटी दे रही है। एंटी-ड्रग हेल्पलाइन 9779100200 के माध्यम से प्राप्त सुझावों पर तुरंत कार्रवाई करने के लिए कहा गया। इस अवसर पर एसएसपी जालंधर हरकमलप्रीत सिंह खख, एसएसपी होशियारपुर सुरिंदर लांबा और एसएसपी कपूरथला गौरव तूरा और अन्य अधिकारी मौजूद रहे। पुलिस मुलाजिमों से मिलते हुए डीजीपी गौरव यादव।