सांसद के पास मिठाई लेकर आए किसान:32 साल से काट रहे थे कलेक्टर दफ्तर के चक्कर,बृजमोहन के दखल के बाद हुई जमीन की रजिस्ट्री

रायपुर के कुछ किसान मिठाई लेकर बृजमोहन अग्रवाल से मिलने पहुंचे और उनका मुंह मीठा कराया। सांसद कार्यालय की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, किसान अपनी जमीन के लिए 32 साल से सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे थे। बृजमोहन की दखल के बाद इतने साल बाद इनके जमीन की रजिस्ट्री हो पाई। ये किसान रायपुर लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाले चम्पारण धाम के है। 10 किसान परिवार परेशानी झेल रहे थे। आज इन किसानों को उनकी जमीन का मालिकाना हक मिल गया है। किसानों ने 32 वर्षों से लंबित पंजीयन और प्रमाणीकरण की प्रक्रिया पूरी होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सांसद का आभार जताया। सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि, मेरे लिए संतोष और गर्व का विषय है कि चम्पारण जैसे धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल से जुड़े किसानों को उनका हक दिला सका। अब ये किसान बिना किसी डर और संशय के अपने भविष्य की योजनाएं बना सकेंगे। मैं चम्पारण के सभी किसानों को उनके धैर्य, संयम और सत्य के साथ डटे रहने के लिए बधाई देता हूं। ये है पूरा मामला दरअसल, 1992 में चम्पारण स्थित महाप्रभु प्राकट्य बैठक ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण राशि के लिए मंदिर ट्रस्ट ने 10 किसानों को 24 एकड़ जमीन बेच दी थी। जिसकी पूरी राशि उस समय किसानों ने दे दी थी। विधिवत स्टाम्प पेपर पर गवाही समेत एग्रीमेंट भी हुआ था। लेकिन ट्रस्ट की जमीन होने के कारण कलेक्टर की अनुमति आवश्यक थी, जो किसानों के सामर्थ्य से बाहर थी। इसके कारण वे पिछले 32 वर्षों से लगातार पटवारी, तहसीलदार, एसडीएम, अपर कलेक्टर और कलेक्टर कार्यालय के चक्कर लगाते रहे, लेकिन न्याय नहीं मिल सका। जिसके बाद किसानों ने सांसद बृजमोहन अग्रवाल के समक्ष अपना पक्ष रखा और सभी आवश्यक दस्तावेज पेश किए। सांसद अग्रवाल ने इस विषय को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन को तत्काल आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए थे। जिसके परिणामस्वरूप कलेक्टर गौरव सिंह ने अनुमति दी। पंजीयन संपन्न हुआ और ऋण पुस्तिका (किसान किताब) किसानों को प्रदान की गई। प्रभावित किसानों में प्रेमलाल साहू, प्यारी साहू, ओमप्रकाश तारक, खिलेंद्र साहू, आशाराम साहू, इच्छा राम साहू, इरासिंह धीवर, लुकरू साहू, रूंगू राम साहू और वीरेंद्र साहू शामिल थे।

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