साइकिलिंग वेलोड्रम बदहाली का शिकार, 36 साल से अपग्रेड नहीं हुआ, रफ्तार पर ब्रेक!

भास्कर न्यूज | लुधियाना लुधियाना के पीएयू में स्थित साइकिलिंग वेलोड्रम, जो 1989 में बना था, 36 साल बाद भी अपग्रेड नहीं किया गया है। आधुनिक सुविधाओं के अभाव में खिलाड़ियों की प्रैक्टिस प्रभावित हो रही है, जिससे इंटरनेशनल स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों की संख्या में भारी गिरावट आई है। मौजूदा समय में 32 खिलाड़ी यहां अभ्यास कर रहे हैं, जिनमें कई नेशनल स्तर के पदक विजेता हैं, लेकिन सुविधाओं की कमी के चलते कई खिलाड़ी अन्य जिलों में जाकर खेल रहे हैं। 1989 में 333.33 मीटर का यह ट्रैक तैयार हुआ था और 2005 में यहां एशियन चैंपियनशिप तथा 2015 में नेशनल गेम्स का आयोजन हुआ था, लेकिन ट्रैक अपडेट न होने के कारण इसके बाद कोई बड़ी प्रतियोगिता नहीं हो सकी। साथ ही पीएयू और खेल विभाग के बीच एमओयू न होने से इस मैदान के भविष्य को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। साइकिलिंग कोच सतविंदर विक्की का कहना है कि लुधियाना इंडस्ट्रियल हब होने के साथ-साथ साइकिलिंग का बड़ा केंद्र भी बन सकता है, लेकिन इसके लिए बेहतर सुविधाएं मिलनी जरूरी हैं। फिलहाल खिलाड़ियों के लिए न तो होस्टल है और न ही ट्रैक का मेंटेनेंस सही तरीके से किया जाता है। उन्होंने पटियाला की तर्ज पर लुधियाना में भी एक अत्याधुनिक खेल सेंटर बनाने की मांग की है। कांग्रेस शासन के दौरान जैनपुर में बन रहे खेल मैदान में 250 मीटर का वुडन साइकिलिंग ट्रैक प्रस्तावित था, लेकिन जीएनई की रिपोर्ट के बाद यह प्रोजेक्ट बंद कर दिया गया। अब खेल विभाग स्मार्ट सिटी योजना के तहत नगर निगम के सहयोग से सरकारी जमीन पर नया साइकिलिंग ट्रैक बनाने की सिफारिश करेगा। इस समय 32 खिलाड़ी वेलोड्रम में अभ्यास कर रहे हैं, जिनमें से 15-20 नेशनल स्तर पर पदक जीत चुके हैं। इस मैदान से सिकंदर, प्रदीप संधू, रमनिंदर दयोल, रजिंदर कौर, इकबालजीत सिंह, साहिल और गुरबाज सिंह जैसे इंटरनेशनल खिलाड़ी भी निकल चुके हैं। जिला खेल अधिकारी कुलदीप चुघ ने कहा कि लुधियाना में दूसरा साइकिलिंग मैदान बनाने के लिए नगर निगम अधिकारियों से चर्चा की जाएगी और इस प्रस्ताव पर जल्द ही मुख्यालय में विचार-विमर्श किया जाएगा।

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