IIT खड़गपुर के मदन मोहन मालवीय हॉस्टल में बीटेक थर्ड ईयर के छात्र मोहम्मद आसिफ कमर का शव रविवार (4 मई) को फंदे से लटका मिला। यह छात्र सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट का था और बिहार के सीतामढ़ी जिले का रहने वाला था। कॉलेज ने बताया कि रात करीब 3 बजे सिक्युरिटी को एक छात्र के आत्महत्या की सूचना दी। इसके बाद तुरंत मौके पर पुलिस, डॉक्टर और प्रशासन को बुलाया गया। पुलिस ने कमरे का दरवाजा तोड़कर शव निकाला। शुरुआती जांच में मामला आत्महत्या का लग रहा है, आगे वजहों की और पड़ताल की जा रही है। IIT खड़गपुर में बीते एक साल में यह चौथी आत्महत्या है। इससे पहले अप्रैल, जनवरी और जून 2024 में तीन छात्रों ने जान दी थी। इसके बाद संस्थान ने छात्रों के लिए 24×7 काउंसलिंग सुविधा और कमरे के बाहर QR कोड लगाने जैसी पहल की थी। आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं के बीच अब एक कमेटी बनाई गई है जो तीन दिन में रिपोर्ट देगी कि ये घटनाएं क्यों हो रही हैं और इन्हें रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाएं। बिट्स पिलानी में 5 महीने चौथे छात्र की मौत बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस, पिलानी (BITS Pilani) के गोवा कैंपस में 2 मई को 20 साल के स्टूडेंट का शव फंदे से लटका मिला। बीते 5 महीने में कैंपस में तीसरा सुसाइड का केस है। इससे पहले 10 दिसंबर 2024 और 4 मार्च को भी ऐसे ही मामले सामने आए थे। पूरी खबर पढ़ें… KIIT भुवनेश्वर में भी नेपाली स्टूडेंट ने सुसाइड किया
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT) में गुरुवार को एक नेपाली स्टूडेंट अपने कमरे में पंखे से लटकी मिली। स्टूडेंट की पहचान प्रसा साहा (18 साल) के रूप में हुई है। वह बीटेक साइंस की थी। स्टूडेंट की मौत पर KIIT अधिकारियों की ओर से कोई टिप्पणी नहीं की। पुलिस कमिश्नर एस देव दत्ता सिंह ने बताया कि स्टूडेंट की मौत के बारे में दिल्ली में नेपाली दूतावास को सूचना दी है। प्रसा के माता-पिता को भी इसकी जानकारी दे दी गई है। उनके आने के बाद प्रसा का पोस्टमॉर्टम किया जाएगा। शुरुआती जांच में मामला आत्महत्या का लग रहा है। नेपाल की विदेश मंत्री अर्जुना राणा देउबा ने X पर लिखा कि प्रीसा की मौत की सच्चाई जानने के लिए भारत और ओडिशा सरकार के साथ बातचीत जारी है। इससे पहले फरवरी में भी KIIT में एक अन्य नेपाली स्टूडेंट प्रकृति लामसाल ने भी आत्महत्या कर ली थी। अटेंडेंस के समय दरवाजा न खोलने पर शक हुआ
पुलिस ने बताया कि हॉस्टल के अधिकारी शाम करीब सात बजे स्टूडेंट्स की अटेंडेंस ले रहे थे। जब वे कमरा नंबर 111 का दरवाजा खटकाया तो अंदर से कोई जवाब नहीं मिला। शक होने पर उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने जब हॉस्टल का कमरा खोला तो प्रीसा का शव पंखे से लटकता पाया। फरवरी में नेपाली छात्रा की सुसाइड पर प्रदर्शन हुआ था
कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT) में इससे पहले भी 16 फरवरी को बी-टेक थर्ड ईयर की स्टूडेंट प्रकृति लामसाल का शव हॉस्टल में मिला था। कहा गया कि उसने आत्महत्या की है। छात्रा की मौत पर कॉलेज के अन्य इंटरनेशनल छात्रों यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। छात्रों ने आरोप लगाया कि प्रकृति के बैच का ही भारतीय छात्र उसे प्रताड़ित कर रहा था। दावा किया गया था कि छात्र लड़की का बॉयफ्रेंड था। स्टूडेंट्स का कहना है कि शिकायतों के बाद भी यूनिवर्सिटी ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। छात्रों ने यह आरोप भी लगाया कि यूनिवर्सिटी ने मामले को दबाने की कोशिश भी की। छात्रा के चचेरे भाई की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी भारतीय छात्र को गिरफ्तार किया। उसके खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया गया था। इसके अलावा करीब 10 अन्य को भी गिरफ्तार किया गया था। इनमें यूनिवर्सिटी के तीन डायरेक्टर भी शामिल थे। इस मामले की जांच के लिए ओडिशा सरकार ने गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव और उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त-सह-सचिव वाली हाई लेवल फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन किया था। छात्रों ने कॉलेज प्रशासन पर बाहर निकालने का आरोप लगाया था
घटना के बाद यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले नेपाली छात्रों ने कॉलेज प्रशासन पर मामले को दबाने का आरोप लगाया था। स्टूडेंट्स ने कहा था कि घटना वाली रात हम यूनिवर्सिटी के इंटरनेशनल ऑफिस गए और रात भर धरने पर बैठे रहे। इसके अगले दिन हमें हॉस्टल से बाहर निकाल दिया गया। एक छात्र ने बताया कि हम लोग प्रदर्शन कर रहे थे। यूनिवर्सिटी स्टाफ के लोग आए और हॉस्टल खाली करने को कहा। जो लोग जल्दी से सामान पैक नहीं कर रहे थे, उन्हें मारा गया। हमें जबरन हॉस्टल खाली करने पर मजबूर कर दिया गया। दो बसों में भरकर हमें कटक रेलवे स्टेशन पर उतार दिया गया। —————————————————— मामले से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… नेपाली स्टूडेंट सुसाइड, पिता बोले- एक लड़का बेटी को टॉर्चर कर रहा, यूनिवर्सिटी जानती थी, हमें नहीं बताया नेपाली छात्रा की मौत पर ओडिशा विधानसभा से लेकर नेपाल की संसद तक हंगामा हुआ। बेटी की मौत से परेशान प्रकृति के पिता सुनील लामसाल कहते हैं, ‘हमने ये सोचकर बेटी को इंडिया भेजा था कि इतनी बड़ी यूनिवर्सिटी है। अच्छी पढ़ाई और माहौल होगा। अब डर लगता है। बेटे को भी इंडिया भेजना था, पर अब नहीं भेजूंगा।’ पूरी खबर पढ़ें…