भास्कर न्यूज | दाढ़ी/छिरहा ग्राम पंचायत बैहरसरी एवं छिरहा अंचल के किसान इस समय सिंचाई संकट से गुजर रहे हैं। बीते 22–23 दिनों से क्षेत्र में बारिश नहीं हुई है। जिससे खेतों में दरारें पड़ गई हैं। खरीफ सीजन के धान,अन्य फसलें सूखने के कगार पर हैं। बूंदाबांदी को छोड़ दें तो क्षेत्र में फसल के अनुरूप वर्षा नहीं हो पाई है। किसानों का कहना है कि यदि जल्द अच्छी बारिश नहीं हुई तो इस साल खरीफ फसल उत्पादन पूरी तरह चौपट हो जाएगी। दाऊ राणा सिंह, गिरधारी यादव, पवन चौहान, राजू यादव, मालिक राम, दुकालू राम साहू, मूलचंद जायसवाल और राजाराम ठाकुर जैसे किसानों ने बताया कि खेतों में पानी न मिलने से पौधे मुरझाकर सूखने लगे हैं। हालात यह है कि किसान और खेतिहर मजदूर दोनों घरों में खाली बैठे हैं। खेतों में न सिंचाई का काम हो पा रहा है और न ही कोई दिहाड़ी मजदूरी मिल रही है। क्षेत्र के किसानों का कहना है कि सिंचाई के लिए पंप ही एकमात्र सहारा था, लेकिन बिजली की अनियमित सप्लाई ने इसे भी बेकार कर दिया है। अटल ज्योति योजना के अंतर्गत किसानों को 24 घंटे बिजली की गारंटी दी गई थी, मगर छिरहा अंचल में यह योजना नाममात्र की साबित हो रही है। करीब छह महीने से अधिक समय से खराब पड़े खंभे और टूटे तारों की मरम्मत नहीं हुई है। आंधी-तूफान में गिरे पोल वैसे ही पड़े हैं। किसानों का आरोप है कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद विद्युत विभाग के अधिकारी और कर्मचारी ध्यान नहीं दे रहे। अधिकारियों की कमी का बहाना बनाकर किसानों की सुनवाई टाल दी जाती है। जिससे पंप बंद पड़े हैं और खेतों की सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं। किसानों ने सरकार से त्वरित मदद की मांग की किसानों ने सरकार और प्रशासन से त्वरित राहत देने की मांग की है। उनकी मांग है कि जल्द से जल्द बिजली आपूर्ति दुरुस्त की जाए, सिंचाई तालाब और अन्य संसाधन विकसित किए जाएं। साथ ही प्रभावित किसानों के लिए विशेष पैकेज घोषित किया जाए। ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले दिनों में गांवों से पलायन की नौबत आ सकती है। बैहरसरी और छिरहा अंचल के किसान आज आसमान की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं।


