मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को पुलिस पदाधिकारियों को जेएसएससी सीजीएल परीक्षा 2023 से जुड़े विवादों को लेकर सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि परीक्षा को लेकर दर्ज मामले में हाईकोर्ट ने जो निर्देश दिए हैं, उसके अनुरूप निष्पक्षता के साथ जांच पूरी कर रिपोर्ट दें। जांच के दौरान परीक्षा आयोजन के दौरान हुई गड़बड़ियों, शिकायतों और परीक्षा परिणाम के बाद हुए विवाद व हंगामे की भी जांच हो। जो भी दोषी हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने ये निर्देश सीजीएल परीक्षा विवाद, राजस्व संग्रहण और 28 दिसंबर को मंईयां योजना की राशि वितरण समारोह की समीक्षा कर रहे थे। हेमंत ने अधिकारियों से कहा कि व्यवस्था ऐसी हो, जिससे बेहतर परिणाम सामने आ सके। राज्यवासियों की समस्याओं और शिकायतों की निवारण में कोताही नहीं बरती जाए। राजस्व संग्रह: लक्ष्य हर हाल में पूरा होना चाहिए: हेमंत सोरेन ने कहा कि राजस्व संग्रहण का जो लक्ष्य निर्धारित है, वह हर हाल में पूरा होना चाहिए। राजस्व बढ़ोतरी के लिए नए स्रोत की संभावनाएं भी तलाशनी चाहिए। उन्होंने कहा कि टैक्स कलेक्शन में आ रहे व्यवधानों का तुरंत समाधान होना चाहिए। इसके लिए विभागों के बीच समन्वय का सिस्टम तैयार करें। मंईयां सम्मान योजना की लाभुकों की सहूलियत का ख्याल रखें मुख्यमंत्री ने कहा कि 28 दिसंबर को नामकुम में आयोजित होने वाले मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना कार्यक्रम में राज्यभर की महिला लाभुक शामिल होंगी। उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं हो, इसका ध्यान रखा जाना चाहिए। कार्यक्रम में योजना की सभी लाभुकों को प्रति माह अब 2500 रुपए की सम्मान राशि डीबीटी के माध्यम से बैंक खाते में भेजी जाएगी। किस विषय पर मुख्यमंत्री ने क्या दिया आदेश महिला हिंसा, ह्यूमन ट्रैफिकिंग, पलायन रोकने का निर्देश मुख्यमंत्री ने पॉक्सो एक्ट, महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा, अत्याचार-यौन उत्पीड़न, ह्यूमन ट्रैफिकिंग और पलायन जैसे मामलों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को कई निर्देश दिए। कहा कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर व्यवस्थाएं दुरुस्त होनी चाहिए। स्कूल-कॉलेज में अवेयरनेस कैंपेन चलाए जाएं। शिकायतें और की जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। प्रतियोगिता परीक्षा: ऑनलाइन मोड में आयोजित करें: सीएम ने कहा कि राज्य में बड़े पैमाने पर नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है। प्रतियोगिता परीक्षाओं में गड़बड़ियों की गुंजाइश न हो, इसके लिए ऑनलाइन मोड में परीक्षा आयोजित करने की जरूरत है। कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट (सीबीटी) के माध्यम से परीक्षा लेने पर काफी हद तक पेपर लीक जैसे मामलों को नियंत्रित किया जा सकता है। 21 दिसंबर के अंक में भास्कर ने बताया था कैसे हुई गड़बड़ी। भास्कर ने उठाया था मुद्दा म्यूटेशन में गड़बड़ी की शिकायत पर कार्रवाई करें हेमंत ने कहा कि अंचल कार्यालयों में दाखिल-खारिज के नाम पर गड़बड़ी की शिकायतें मिल रहीं है। इस पर नियंत्रण करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। गड़बड़ी में शामिल अधिकारियों, कर्मियों और जमीन दलालों पर कार्रवाई करें। बड़े स्तर पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए जमीनों की हेराफेरी की जा रही है। इससे जमीन विवाद तेजी से बढ़ रहे हैं। इसे रोकने की जरूरत है।