सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद के देश छोड़कर भागने के बाद 8 दिसंबर को विद्रोहियों ने कुख्यात सेडनाया जेल पर कब्जा कर लिया और जेल से हजारों कैदियों को रिहा कर दिया। हालांकि, 3 दिन बीत जाने के बावजूद अभी भी कुछ लोग जेल से बाहर नहीं निकल पाए हैं। इसकी वजह ये है कि जेल में तहखाना है और उन कोठरियों तक पहुंचने में मुश्किलें आ रही हैं। एनमेस्टी इंटरनेशनल के मुताबिक राष्ट्रपति असद ने अपने खिलाफ आवाज उठाने वाले लाखों लोगों को कुख्यात सेडनाया जेल की काल कोठरियों में ढूंस दिया था। इस जेल के स्लॉटरहाउस (बूचड़खाने) में बंदियों को 72 से ज्यादा तरह की यातनाएं दी जाती थीं। इस जेल में 1.57 लाख से ज्यादा लोगों को यातनाएं देकर मारा जा चुका है, जिनमें 5,274 बच्चे और 10,221 महिलाएं भी शामिल हैं। असद के देश छोड़कर भागने और सेडनाया जेल पर विद्रोहियों के कब्जे के बाद हजारों सीरियाई लोग सेडनाया जेल पहुंच गए। उन्हें उम्मीद है कि असद के शासन के दौरान गिरफ्तार या लापता उनके परिजनों के बारे में कोई जानकारी मिल सकती है। सीरिया में सेडनाया जेल से जुड़ी 5 फुटेज… रविवार को फांसी होनी थी, पर विद्रोहियों ने बचा लिया
कुख्यात सेडनाया जेल पर विद्रोहियों का कब्जा 63 वर्षीय बशर बरहौम के लिए जीवनदान बन गया। बरहौम का कहना है कि उसे 7 महीने पहले जेल लाया गया था। उसे रविवार को फांसी की सजा होनी थी, लेकिन विद्रोहियों ने जेल पर कब्जा कर लिया और वह बच गया। एक और कैदी ने बताया कि जेल की छोटी कोठरी में 25 लोगों को रखा जाता था। बचे हुए लोगों ने बताया कि जेल के अंदर गार्डों ने पूर्ण मौन का नियम लागू किया हुआ था। बंदी बोल नहीं सकते थे, इसलिए कई कैदियों ने दीवारों पर संदेश लिखे। कैदियों को कुचलकर मारने के लिए आयरन प्रेस
सेडनाया जेल के भीतर पहुंचने के लिए सिर्फ एक घुमावदार सीढ़ी है। जो सलाखों से घिरी हुई है। यहां से जेल के 3 विंग में जाने के रास्ते हैं। विद्रोहियों का कहना है कि जेल के तीनों विंग अपनी अलग-अलग क्रूरता के लिए कुख्यात हैं। जेल की एक विंग में विद्रोहियों को ‘आयरन एक्जीक्यूशन प्रेस’ मिली है। बताया जा रहा है कि इसका इस्तेमाल कैदियों को कुचल कर मारने के लिए किया जाता था। मानवाधिकार नेटवर्क ने जेल प्रशासन द्वारा यातना दिए जाने के 72 अलग-अलग तरीकों का दस्तावेजीकरण किया है। इनमें जननांगों पर बिजली का झटका देना या उन पर वजन लटकाना; धातु की छड़, बारूद या ज्वलनशील कीटनाशकों से कैदियों को जलाना; उनके सिर दीवार और जेल के दरवाजे के बीच कुचलना, शरीर में सुई या धातु की पिन डालने जैसी कई सजाएं शामिल हैं। आशंका: रेड विंग में बंद कैदी भूख से न मर जाएं
सेडनाया जेल राजधानी दमिश्क से 30 किमी दूर एक पहाड़ी पर स्थित है। ये जेल दो बारूदी सुरंगों से घिरी हुई है। विद्रोहियों ने जेल पर कब्जा किया तो यहां कैद 1500 बंधकों को रिहा कर दिया गया। अब CCTV फुटेज में सामने आया है कि जेल में कई और कैदी अंडरग्राउंड सेल (रेड विंग) में बंद हैं, लेकिन कोई नहीं जानता कि ये विंग कहां है? रिपोर्ट है कि रेड विंग में एक लाख से ज्यादा कैदी बंद हैं। असद के सभी वफादार जेल अधिकारी भाग चुके हैं, अब किसी को पता नहीं है कि रेड विंग कहां है? मोहम्मद अल-बशीर अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त
सीरिया में बशर अल-असद को सत्ता से हटाने वाले विद्रोही गुटों की मदद करने में अहम भूमिका निभाने वाले मोहम्मद अल-बशीर को अंतरिम PM नियुक्त किया गया है। बशीर ने टीवी पर अपने संबोधन में कहा है कि वे पद पर अगले साल 1 मार्च तक बने रहने के लिए तैयार हैं। वे छोटी कैबिनेट का नेतृत्व करेंगे। बता दें कि अभी अल-बशीर ही इदलिब प्रांत के प्रशासन की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। इजराइल ने सीरिया में 48 घंटों में 350 जगहों पर हमले किए
इजराइल ने सीरिया में पिछले 48 घंटे में 350 से ज्यादा ठिकानों पर हमले किए हैं। अलजजीरा के मुताबिक इजराइली सेना ने कहा कि ये हमले सीरिया के हथियारों को विद्रोगी गुटों के हाथों में जाने से रोकने के लिए किया है। सेना का अनुमान है कि सीरिया में 70% से 80% हथियार नष्ट हो चुके हैं। इस ऑपरेशन का नाम ‘बाशान एरो’ रखा गया है। इजराइली सेना ने कहा कि सोमवार रात उन्होंने सीरिया के नौसेना के बेड़े पर हमला किया और अल-बायदा-लताकिया पोर्ट पर हमला कर 15 जहाजों को बर्बाद कर दिया।
विद्रोही गुट ने दियार अल-जोर पर कब्जा किया सीरिया में विद्रोही गुट हयात तहरीर अल-शाम (HTS) ने देश के कच्चे तेल भंडार वाले पूर्वी शहर दियार अल-जोर पर कब्जा कर लिया है। BBC की रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति असद के देश छोड़ने के बाद से विद्रोही बल देश के संसाधनों पर कब्जा करने में जुट गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक दियार अल-जोर पर पहले कुर्द फोर्स का कब्जा था। लेकिन अब ये बल पीछे हट गई है। इसी सप्ताह पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद की सेना के पीछे हटने के बाद कुर्द बलों ने इस शहर पर नियंत्रण कर लिया था। भारत ने सीरिया से 75 नागरिकों को एयरलिफ्ट किया, लेबनान के रास्ते भारत लौटेंगे
सीरिया में विद्रोहियों के सत्ता हासिल करने के बाद भारत ने वहां फंसे 75 भारतीय नागरिकों को एयरलिफ्ट किया है। विदेश मंत्रालय ने मंगलवार देर रात इसकी जानकारी दी। विदेश मंत्रालय ने बताया कि सभी भारतीय सुरक्षित रूप से लेबनान पहुंच गए हैं और वे कॉमर्शियल फ्लाइट से भारत लौटेंगे। निकाले गए लोगों में जम्मू-कश्मीर के 44 ‘जायरीन’ भी शामिल हैं, जो सीरिया की सईदा जैनब की मजार गए हुए थे। विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि भारत सरकार विदेश में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। मंत्रालय ने सीरिया में भारतीय नागरिकों को दमिश्क में भारतीय दूतावास के संपर्क में रहने की सलाह भी दी है। बयान में कहा गया है, ‘सीरिया में बचे हुए भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे दमिश्क में भारतीय दूतावास के आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर +963 993385973 (व्हाट्सएप पर भी) और ईमेल ID (hoc.damascus@mea.gov.in) पर संपर्क में रहें। सरकार स्थिति पर बारीकी से नजर रखे है।’ ———————————————— सीरिया से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… बगदादी के लेफ्टिनेंट जुलानी ने सीरिया में कैसे किया तख्तापलट: डॉक्टरी की पढ़ाई छोड़कर जिहादी बना 11 दिन के भीतर सीरिया में असद परिवार को सत्ता से बेदखल करने के पीछे 42 साल का सुन्नी नेता अबू मोहम्मद अल-जुलानी है, जो दुनिया के सबसे क्रूर आतंकियों में से एक अबू बकर अल बगदादी का लेफ्टिनेंट रह चुका है। पढ़ें पूरी खबर…